बैंकिंग नियमों में बदलाव: 1 अप्रैल से अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर लगेगी पेनल्टी

अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी

यूनिक समय, नई दिल्ली। आज, 1 अप्रैल से बैंकों में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो वित्तीय लेन-देन और सेवाओं को प्रभावित करेंगे। इन बदलावों में न्यूनतम बैलेंस की शर्त, एटीएम से पैसे निकालने की लिमिट और ब्याज दरों में बदलाव में कमी सहित कई अन्य बदलाव शामिल हैं।

एटीएम से पैसे निकालने की सीमा कम होगी

अब से, उपभोक्ता दूसरे बैंक के एटीएम से केवल तीन बार मुफ्त में पैसे निकाल सकेंगे। इसके बाद, हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ग्राहकों को एक निश्चित शुल्क देना होगा। पहले, अधिकांश बैंकों में यह सीमा पांच बार थी। इस बदलाव से उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करना पड़ेगा, क्योंकि शुल्क 25 रुपये तक हो सकता है, जो बैंक के नियमों के आधार पर बदल सकता है।

न्यूनतम बैलेंस की शर्तों में बदलाव

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और केनरा बैंक जैसे प्रमुख बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस की शर्तों में बदलाव किया है। अब, ग्राहकों को शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करना होगा। यदि ग्राहक यह राशि नहीं रखते हैं, तो उन पर पेनल्टी लगाई जाएगी। पेनल्टी की राशि अकाउंट के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होगी।

ब्याज दरों में बदलाव

बैंकिंग संस्थाओं ने 1 अप्रैल से सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपाजिट अकाउंट के ब्याज दरों में बदलाव करने का ऐलान किया है। इस बदलाव के तहत, जिनके खातों में बड़ी राशि जमा होगी, उन्हें अधिक ब्याज मिलेगा। यह परिवर्तन ग्राहकों को उच्च ब्याज दरों का लाभ दे सकता है।

पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) और चेक पेमेंट सुरक्षा

बैंकों में धोखाधड़ी से बचने के लिए 1 अप्रैल से पॉजिटिव पे सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसके तहत 5,000 रुपये से अधिक के चेक पेमेंट के लिए ग्राहकों को चेक नंबर, तारीख, लाभार्थी का नाम और चेक अमाउंट की पुष्टि करनी होगी। इस बदलाव का उद्देश्य गलत पेमेंट और धोखाधड़ी को रोकना है।

इन बदलावों से बैंकिंग क्षेत्र में नई चुनौतियां और सुविधाएं सामने आएंगी। उपभोक्ताओं को इन नियमों का पालन करने के लिए तैयार रहना होगा।

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