दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गुरुवार रात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट समर्थित छात्र समूहों के बीच जमकर झड़प हो गई। इस दौरान जमकर लाठियां चलीं। कई छात्र घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि दोनों गुटों में विवाद स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज में चुनाव समिति के सदस्यों के चयन को लेकर हुआ था। इससे पहले, 10 फरवरी को भी GBM के दौरान झड़प हुई थी। कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने शुक्रवार को कहा कि झड़प में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
@ABVPDelhi @bhardwajankitaa @RSSorg @The_newsin @HMOIndia @abvpjnu @JNU_official_50 जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक बार फिर से लेफ्ट छात्रों में और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों में झड़प का मामला सामने आया है।
घटना में लैफ्ट विंग के छात्रों ने भारी हिंसा की… pic.twitter.com/O8OGzVqARV
— PAWAN TYAGI (@drpawantyagi07) March 1, 2024
दरअसल, जेएनयू में चुनाव 5 साल बाद हो रहे हैं, जिसको लेकर छात्र अपना विरोध जता रहे हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें दोनों तरफ से शिकायत मिली है। हम शिकायतों की जांच कर रहे हैं। पुलिस को तीन लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। घायलों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
#UPDATE | Delhi Police say, "We have received complaints from both sides. We are examining the complaints. The Police have come to know about three injured." https://t.co/eo8J906q0c
— ANI (@ANI) March 1, 2024
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, छात्रों के बीच झड़प यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज बिल्डिंग में गुरुवार देर रात हुई। एबीवीपी और लेफ्ट समर्थित समूहों के छात्रों ने एक-दूसरे के खिलाफ वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि हमें परिसर में झड़प के बारे में देर रात 1.15 बजे सूचना मिली। इसमें चार छात्र घायल हो गए। दोनों पक्षों से कई शिकायतें मिली हैं। आगे की पूछताछ जारी है। वहीं, कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि प्रशासन इस मामले को देखेगा और सख्त कार्रवाई करेगा।
कुलपति ने कहा कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव छात्रों द्वारा आयोजित किए जाते हैं। यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि यह एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया हो। उन्होंने बताया कि इंटर-हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (IHA) चुनाव के संचालन की देखरेख करता है। छात्र संगठन की किसी भी शिकायत पर आईएचए द्वारा गौर किया जाएगा। दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ उनकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कुलपति ने यह भी कहा कि हिंसा में गंभीर रूप से घायल छात्रों के मेडिकोलीगल मामले सामने आने के बाद संबंधित अधिकारी एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। पंडित ने छात्रों को चेतावनी दी कि परिसर में हिंसा की किसी भी गतिविधि के कारण जेएनयू छात्रसंघ चुनाव को आगे टालना पड़ सकता है।
घटना के एक वीडियो क्लिप में एक व्यक्ति को छात्रों को लाठी से पीटते हुए दिखाया गया है, जबकि दूसरे में एक व्यक्ति छात्रों पर साइकिल फेंकता हुआ दिखाई दे रहा है। अन्य वीडियो में भी एक समूह द्वारा व्यक्तियों को भीड़ते और पीटते हुए दिखाया गया है, जबकि विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की थी।
एबीवीपी ने बताया कि एक वीडियो में दूसरों को छड़ी से पीटते और साइकिल फेंकते हुए दिख रहे दो छात्र उसकी जेएनयू इकाई के सदस्य थे। वे अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे थे। दूसरी ओर, लेफ्ट समर्थित समूहों ने आरोप लगाया कि चुनाव समिति के सदस्यों के चयन से असंतुष्ट एबीवीपी सदस्यों ने जेएनयूएसयू पदाधिकारियों और अन्य छात्रों पर हमला किया।
जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव मोहम्मद दानिश, जो जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष के साथ स्कूल जनरल बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे, ने दावा किया कि उन्हें उनकी धार्मिक पहचान के कारण एबीवीपी सदस्यों से जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बैठक के दौरान उन्हें बंधक बना लिया गया।
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