
यूनिक समय, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और भी गहरा गया है। अमेरिका द्वारा चीन पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी देने के बाद, चीन ने इसे ‘ब्लैकमेल’ करार दिया और कहा कि वह कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा। चीन ने अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए जवाबी कदम उठाने का ऐलान किया है और यदि अमेरिका अपने रुख पर कायम रहता है, तो चीन अंत तक संघर्ष करेगा।
चीन ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिकी सामान पर 34% टैरिफ लगाने का फैसला किया था। इसके जवाब में ट्रंप ने धमकी दी कि अगर चीन अपनी नीति में बदलाव नहीं करता है तो 9 अप्रैल से अमेरिकी शुल्क में 50% की वृद्धि कर दी जाएगी।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका का यह कदम ‘तथाकथित जवाबी शुल्क’ पूरी तरह से निराधार है और यह एकतरफा धमकाने का तरीका है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि चीन अपने राष्ट्रीय हितों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा, और ऐसे कदम पूरी तरह से वैध हैं।
अमेरिका और चीन के बीच यह तनाव बढ़ने से वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता का माहौल बन गया है। ट्रंप का मानना है कि उच्च शुल्कों से वैश्विक व्यापार में संतुलन लाया जा सकता है और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सकता है। वहीं, चीन ने भी इस व्यापार युद्ध के खतरों से बचने के लिए अपने रुख में कोई बदलाव न करने की घोषणा की है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की संभावना जताई है, और यह देखना होगा कि दोनों देशों के बीच यह तकरार किस दिशा में बढ़ती है।
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