
यूनिक समय, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में नए टैरिफ फैसले के बाद दुनिया भर से आयात होने वाली वस्तुओं पर 10% टैक्स लगाने और प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है, जिसके बाद वैश्विक व्यापार युद्ध के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
ट्रंप के टैरिफ फैसले पर चीन की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के खिलाफ बताते हुए कहा कि इससे संबंधित देशों के कानूनी अधिकारों और हितों को गंभीर नुकसान होगा। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि चीन अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने के लिए तैयार है।
चीन ने वाशिंगटन से इन टैरिफ को तुरंत रद्द करने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि इसका असर वैश्विक आर्थिक विकास पर पड़ेगा और अमेरिकी हितों व अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को नुकसान हो सकता है। साथ ही, चीन ने अमेरिका पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया।
ट्रंप ने चीन पर 34% का सख्त टैरिफ लागू किया है, जबकि अन्य देशों के लिए 10% का आधार शुल्क भी लागू होगा। यह निर्णय पिछले महीने लगाए गए 20% के अतिरिक्त टैरिफ के ऊपर लिया गया है। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों जैसे सोयाबीन, पोर्क और चिकन पर 15% तक का शुल्क लगा दिया है।
चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका यह दावा करता है कि उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार से नुकसान हो रहा है, इस कारण वह अपने व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ाने का कदम उठा रहा है। बीजिंग ने इस कदम को व्यापार वार्ताओं से मिले लाभों की अनदेखी करने वाला और अमेरिका के लंबे समय से जारी फायदे को नजरअंदाज करने वाला बताया। विवाद का समाधान बातचीत के जरिए करने की चीन ने अपनी ओर से पेशकश की है।
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