चीन कोविड़ 19: एक-दूसरे की जान के प्यासे हुए गार्ड और लॉकडाउन में कैद लोग, बरसा रहे लात-घूंसे

china

शिंजियांग में हुए उरूमकी अग्निकांड के बाद चीन के लगभग 8 शहरों में लगभग 100 दिनों से ज्यादा लोग अब सड़कों पर आ गए हैं. और चीन की सरकार का विरोध कर रहे हैं. वहीं पुलिस की बर्बरता का वीडियो भी खूब शेयर किया जा रहा है.

बीते 24 नवंबर को चीन केशिंजियांग के उरूमकी में एक 10 मंजिला घर में आग लग गई और बेबस लोग लाख चीख पुकार के बावजूद इस लाक्षागृह से निकल नही पाए और भीषण आग में जल कर मर गए… इस आग में जलकर मरने वालों की प्राथमिक संख्या 10 बताई गई..पर आपको पता है..वह देश जहां यह सब हो रहा है वहां से कोई सच्चा आंकड़ा सामने नहीं आता है. चीन में वैसे तो पहले से ही कोरोना को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध हो रहा था पर शिंजियांग में हुए उरूमकी अग्निकांड की इस घटना के बाद चीन के लगभग 8 शहर इसकी आग से धू-धू कर जलने लगे हैं.

सोशल मीडिया पर चीन के शहरों से आने वाली तस्वीरें बता रही हैं कि किस तरह चीन जीरो कोविड़ पॉलिसी मनवाने के लिए ज्यादतियां कर रहा है. पहले जानिए, कि जीरो कोविड पॉलिसी का मकसद क्या है?..चीन में जीरो कोविड पॉलिसी का मकसद कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को अलग-थलग करना है. आदेशानुसार जिस क्षेत्र में कोरोना संक्रमित लोग पाए जाएंगे वहां लोगों को अलग थलग कर दिया जाएगा. पर जिस तरह से यह चीन में लागू कराया जा रहा है उससे चीन के ही नागरिक सड़को पर आ गए हैं. लगभग 100 दिनों से ज्यादा अपने ही घरों में बंद लोग सड़कों पर जमकर जिनपिंग की पुलिस का मुकाबला कर रहे हैं. और इसकी भयानक तस्वीरें सोशल मीडिया खुब शेयर की जा रही हैं.

चीन में ओमिक्रॉन का कहर

बता दें कि चीन में एक हफ्ते में 2.5 लाख से ज्यादा कोरोना पेशेंट पाए गए हैं जिसके बाद दुनिया का सबसे लंबा लॉकडाउन झेल रहे लोग घरों के दरवाजों पर लगी सील तोड़कर बाहर निकल रहे हैं. चीन में कोरोना विस्फोट ठीक वैसे ही हो रहा है..जैसे 2020 में दुनिया में फैला था. WHO का दावा है कि चीन में कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. इसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल है क्योंकि ये कोरोना के अब तक के वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है.

 

 

क्यों काबू में नही आ रहा कोरोना

चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डॉयरेक्टर गाओ फू ने खुद माना है कि चीन में इस्तेमाल होने वाली 6 वैक्सीन में से ज्यादातर बेअसर साबित हो रही हैं. द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित एक चीनी रिसर्च में भी सामने आया है कि चीनी वैक्सीन सिनोफार्म ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट के सामने फेल हो गई है. जिन जिन देशों में चीन की वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही थी. उन देशों से मिले डाटा से पता चला है कि चीनी वैक्सीन कोरोना संक्रमण को रोकने में प्रभावी साबित नहीं हो रही है.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*