
यूनिक समय, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने उन राजनीतिक दलों की आलोचना की है, जो समाज में धर्म और धार्मिक मुद्दों को लेकर विवाद उत्पन्न करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से बीजेपी के नेताओं द्वारा छतों पर नमाज पढ़ने पर रोक और नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों के बंद होने जैसे फैसलों पर आपत्ति जताई। चिराग पासवान ने कहा कि यह सब फालतू बातें हैं और इन पर कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए।
एलजेपी (आर) नेता ने कहा कि भारत का इतिहास विविधता और भाईचारे का रहा है, जहां लोग अपने-अपने धर्म का पालन करते हुए शांतिपूर्वक जीवन जीते आए हैं। उन्होंने कहा कि किसी को यह तय करने की जरूरत नहीं है कि कौन कहां नमाज पढ़ेगा या नवरात्रि में मांस की दुकानें खुलेंगी या बंद रहेंगी, क्योंकि ये विषय समाज में बंटवारा पैदा करने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं हैं।
चिराग पासवान ने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों को दूसरे के धर्म पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए, क्योंकि धर्म व्यक्तिगत आस्था का मामला है। उनका मानना है कि यदि धार्मिक संगठनों और राजनेताओं ने राजनीति से इन धार्मिक विवादों को बाहर रखा तो समाज की 90 प्रतिशत समस्याएं स्वतः हल हो जाएंगी।
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