नई दिल्ली. गाजियाबाद में आने वाला कलछीना गांव दिल्ली-एनसीआर ही नहीं पूरे यूपी में कुख्यात है. हर कोई जानता है कि दिवाली-होली आते ही यहां नकली खोया बनाने का काम रात-दिन चलता है. 40 से 50 भट्ठियों पर हर रोज हजारों किलो खोया बनाया जाता है. हैरान करने वाली बात यह है कि सारा नकली खोया दिल्ली-एनसीआर में बेचा जाता है. पांच दिन पहले ही पुलिस ने यहां पूरी रात छापेमारी करते हुए नकली खोया पकड़ा था. कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए थे. खोया बनाने का सामान भी बरामद किया था.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के रिटायर्ड अधिकारी बीके सिंह बताते हैं कि कलछीना गांव नकली खोया बनाने में पूरे यूपी में बदनाम है. यह गाजियाबाद के मोदीनगर में आता है. होली-दिवाली आने से एक महीने पहले से यहां नकली खोया बनाने का काम शुरू हो जाता है. होली पर भी पुलिस ने यहां माफिया को पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन इस बार पूरी तैयारी के साथ कार्रवाई की गई. माफिया के गुर्गे अपना सारा सामान और बना हुआ खोया छोड़कर भाग खड़े हुए. करीब सात लोगों को पकड़ा भी गया है.
ऐसे बनाया जा रहा था हजारों किलो खोया
चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर एनएन झा ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि छापे के दौरान मौके से 20 टिन वनस्पति घी, करीब 15 किलो सेलखेड़ी (चौक का बुरादा) और बड़ी मात्रा में मिल्क पाउडर बरामद किया गया. सभी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि मात्रा बढ़ाने के लिए आलू और मैदा भी मिलाई जा रही थी.
लिवर-किडनी को नुकसान पहुंचाता है सेलखेड़ी
AIIMS के रिटायर्ड फिजिशियन एमएफ बेग का कहना है लगातार घटिया स्तर का मिल्क पाउडर और सेलखेड़ी से बना खोया खाने से सीधे किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचता है. इस तरह का खोया खाने से पथरी की बीमारी भी हो सकती है. वहीं, सिर्फ त्योहार के मौके इस खोया से बनी मिठाई खाने से पेट की कई तरह की बीमारी हो सकती है.
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