नई दिल्ली। “केंद्र सरकार के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) का प्रमाणपत्र को आजीवन वैधता प्रदान की जाए। इस संबंध में जल्द नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाए। सीएम योगी के आदेश बाद एक बार परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद दोबारा देने की आवश्यकता नहीं होगी। लाखों शिक्षक अभ्यर्थियों को मिली बड़ी राहत। डीएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पूर्व प्रचलित व्यवस्था ही लागू रखी जाएगी।
उत्तर प्रदेश टीटर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट की वैधता पहले सिर्फ पांच सालों के लिए थी. इससे पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन परीक्षा की वैलिडिटी को बढ़ाया। अब इसकी वैलिडिटी सात साल के बजाय आजीवन कर दी गई है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन,एनसीटीई ने यह फैसला 50वें जनरल एसेंबली मीटिंग में लिया गया. चूंकि सीटेट यूपी में टीचर्स के रिक्रूटमेंट में भी वैलिड है इसलिए राज्य के लाखों बेराजगार युवाओं को भी इससे फायदा मिलेगा।
साल में दो बार होती है सीटीईटी परीक्षा
सीबीएसई साल में दो बार इस परीक्षा को आयोजित करवाता है। पहली परीक्षा जुलाई महीने में जबकि दूसरी परीक्षा दिसंबर में आयोजित की जाती है। सीटेट पहले पेपर में सफल होने वाले कैंडीडेट्स को पहली से पांचवी कक्षा के लिए टीचर्स के रिक्रूटमेंट के लिए योग्य माने जाते हैं। जबकि दूसरे पेपर में सफल होने वाले कैंडीडेट्स को 6ठीं से 8वीं कक्षा के लिए योग्य माना जाता है।
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