लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में चल रहे ज्ञानवापी मामले में पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ज्ञानवापी पर बड़ा बयान सामने आया है। सीएम योगी ने कहा है कि सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा है कि सर्वे में कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्ञानवापी मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच चल रहे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि सरकार समस्या का समाधान खोजने के प्रयास कर रही है। हालांकि सीएम ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि ज्ञानवापी के अंदर देव प्रतिमाएं हैं। इन्हें हिंदुओं ने वहां नहीं रखा है। वह पहले से हैं।
सीएम ने कहा कि अगर हम इसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद हो जाएगा। सरकार ज्ञानवापी विवाद का समाधान चाहती है। योगी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष से ऐतिहासिक गलती हुई है। इसलिए, उन्हें इसके समाधान के लिए आगे बढ़ना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने सवाल किया कि यदि ज्ञानवापी एक मस्जिद है, तो फिर वहां त्रिशूल क्या कर रहा था?
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएम योगी का साक्षात्कार ऐसे समय पर आया है, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर फैसला सुनाने वाला है। इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद एक मंदिर पर बनाई गई थी। हाईकोर्ट ने 3 अगस्त तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
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