मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। इसी के तहत मंत्रियों को हिदायत दी गई है। उनसे कहा गया है कि वह किसी भी तरह से महंगे गिफ्ट को स्वीकार न करें। जारी निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई भी 5 हजार से महंगा गिफ्ट लेता है तो उसे सरकारी संपत्ति समझा जाएगा। इसी के साथ उसे सरकारी खजाने में जमा भी करवाया जाएगा। यही नहीं किसी संस्था से भी सम्मान लेने से पहले उसकी स्वीकृति लेना अनिवार्य होगी।
मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी सम्मान समारोह में शामिल होने से पहले उसके बारे में जांच लें। यह तय कर लें कि उस संस्था या संगठन पर किसी भी तरह का आरोप न हो। यही नहीं विदेशी संस्थाओं से भी सम्मान लेने की अनुमति नहीं रहेगी। इसको लेकर भी जांच की जाएगी। आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से उठाए जा रहे इन कदमों को पारदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही के तौर पर देखा जा रहा है। कई बार यह देखने को मिलता है कि मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को कोई संस्थाएं महंगे तोहफों से सम्मानित करती है। लिहाजा अब सीएम ने अनुशासन की पाठशाला की शुरआत अपने ही मंत्रिमंडल से कर दी है।
ज्ञात हो कि इससे पहले सीएम ने अपने मंत्रियों औऱ उनके परिजनों को संपत्ति का ब्यौरा देने का भी निर्देश दिया था। यह इसलिए कहा गया था जिससे सुनिश्चित हो सके की उनकी चल-अचल संपत्ति में 5 साल में कितना इजाफा हुआ है।
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