जयपुर। 19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया। इसी बीच जयपुर का एक मामला मीडिया की सुर्खियों में छा गया। जयपुर में योजना भवन के इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के बेसमेंट से करीब 2.31 करोड़ रुपए नगद और 1 किलो सोना मिलने की खबर आग की तरह फैलती चली गई। इस मामले का खुलासा जब ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीफ सेक्रेट्री ऊषा शर्मा और DGP उमेश मिश्रा ने किया, तो लोग चौंक पड़े। कॉन्फ्रेंस में पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
पुलिस कमिश्नर आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सरकारी कार्यालय योजना भवन के बेसमेंट में अलमारी में रखे एक बैग में करीब 2.31 करोड़ रुपए और 1 किलो सोने का बिस्किट मिला है। पुलिस ने इन नोटों को जब्त कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। विभाग के करीब 7-8 लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए अफसरों ने बताया कि योजना भवन के बेसमेंट में लैपटॉप बैग और ट्रॉली बैग में 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 500 रुपए बरामद हुए। ये 2000 और 500 के नोट में हैं। पुलिस अब बेसमेंट में लगे CCTV फुटेज की बारीकी से जांच कर रही है। इस कैश कांड को लेकर पुलिस कमिश्नर ने दावा किया जल्द मामले में पूरा खुलासा कर दिया जाएगा।
यह मामला जैसे ही मीडिया के जरिये सुर्खियों में आया, राजनीति शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक tweet के जरिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई। राठौड़ ने तंज कसा कि जिस सचिवालय में बैठकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार चलाते हैं, वहां करोड़ों की नगदी और सोना मिलना इसका सबूत है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है।
मुख्य सचिव उषा शर्मा व पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने शुक्रवार रात को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि डीओआईटी में फाइलों का डिजिटलाइजेशन का काम चल रहा है। इस दौरान दो अलमारी की चाबी नहीं मिल रही थी। शुक्रवार को अलमारी के ताले तोड़े गए, तो उसमें से पैसा और सोना मिला। इस मामले में जांच की जा रही है कि ये पैसा किसका है और कहां से आया?
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