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दिल्ली। कोरोना की रफ्तार तेज होती जा रही है। गंगाराम अस्पताल के बाद अब एम्स में कोरोना की एंट्री हो गई है। सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि दिल्ली एम्स के 35 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, कहा जा रहा है कि पिछले एक हफ्ते में सभी संक्रमित हुए हैं। इसमें जूनियर, सीनियर, स्पेशलिस्ट तमाम डॉक्टर्स शामिल हैं। ज्यादाततर को माइल्ड सिमटम बताया जा रहा है। कुछ डॉक्टों को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव आए ज्यादातर डॉत्टरों ने कोरोना की पहली या दूसरी डोज लगवा चुकी थी। डॉक्टरों समेत 50 ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने की भी खबर मिल रही है। इसमें 15 हड्डी विभाग के बताए जा रहे हैं। हालांकि इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
इससे पहले गंगाराम अस्पताल के 37 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले के जिनमें से पांच अस्पताल में ही भर्ती हैं। अन्य डॉक्टरों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। जानकारी के अनुसार इनमें से ज्यादातर डॉक्टर वे हैं जो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे थे। अस्पताल प्रशासन के अनुसार सभी डॉक्टरों में माइल्ड सिम्टम्स हैं और कोई भी गंभीर हालत में नहीं है।
कोरोना की वजह से हुआ था बड़ा फैसला
दिल्ली में बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए देश के सबसे बड़े अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने आठ अप्रैल से ओपीडी सेवाएं सीमित करने का फैसला किया था। इसके तुरंत बाद अब 10 अप्रैल से यहां जनरल ओटी की सेवाओं में भी कटौती की जा रही है। जिससे इलाज का इंतजार कर रहे हजारों मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। पिछले साल कोरोना महामारी और एम्स के एक हिस्से को कोविड स्पेशल बनाए जाने के बाद मरीजों को इलाज में भारी परेशानी आई थी। लगभग वहीं हालात एक बार फिर पैदा हो गए हैं। दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण एम्स में ओपीडी और जनरल ओटी की सेवाओं को सीमित कर दिया गया है। जिससे ऑपरेशन की तारीख लेकर बैठे लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डी के शर्मा की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि शनिवार यानि 10 अप्रैल से सिर्फ बेहद जरूरी सर्जरी ही अस्पताल में की जाएंगी। दिल्ली में कोरोना आउटब्रेक को देखते हुए इन्फ्रास्ट्रकचर, मेनपॉवर और मेटेरियल रिसोर्सेज को कोरोना नियंत्रण में लगाया जा रहा है। ऐसे में अस्पताल में रोजाना होने वाली करीब चार हजार सर्जरी में से विशेष रूप से अनिवार्य सर्जरी ही की जाएंगी।
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