नई दिल्ली। देश के आठ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और कनार्टक का है। दिल्ली में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मार्च के दिनों में जहां कोविड के मामले दो डिजिट में रिकार्ड किए जा रहे थे। उनकी संख्या 1900 से पार हो चुकी है।
पिछले 2 मार्च, 2021 को जहां कोरोना के 78 मामले रिकॉर्ड किए गए थे। वहीं तेजी के साथ बिगड़े हालातों के बाद 29 मार्च को इस साल के सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कोरोना के 1 दिन में 1904 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं।
वहीं, 31 मार्च को इस साल की सबसे ज्यादा मौत 11 रिकॉर्ड की गई है जो कि अभी तक जीरो से लेकर 8 और 10 तक सीमित थी। वहीं अब मरीजों के साथ-साथ मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ने लगा है। यह दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है।
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली में अब तक कुल 6,62,430 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 6,42,565 मरीज रिकवर्ड यानी ठीक हो चुके हैं। इसके चलते दिल्ली का समग्र पॉजिटिविटी रेट 4.54 फीसदी हो गया है. वहीं, एक्टिव मरीजों की बात की जाए तो 31 मार्च तक यह आंकड़ा 8838 पहुंच गया है जोकि गत 1 मार्च को मात्र 1404 पर सिमटा हुआ था।
एक माह में 7434 नये मरीज रिकॉर्ड, 116 की मौत
इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमण मार्च माह में इस तरह से तेजी के साथ फैला है जोकि अब 8838 पर पहुंच गया है। वहीं, मौतों की बात की जाए तो मार्च माह के शुरुआती दिनों में या कहें कि 1 मार्च को मौतों का आंकड़ा 10911 रिकॉर्ड किया गया था जोकि अब बढ़कर 11027 को पार कर गया है। यानी एक माह के भीतर 116 लोगों की जान गवां चुके हैं। इसके चलते दिल्ली में मृत्यु दर भी बढ़कर 1.66 फ़ीसदी हो गई है।
30 दिन में बढ़े होम आइसोलेशन में 4457 मरीज
इतना ही नहीं, होम आइसोलेशन में भी मार्च माह में जबर्दस्त बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई। 1 मार्च को जो संख्या 739 रिकॉर्ड की गई थी, वह 31 मार्च को बढ़कर 5196 पहुंच चुकी है। इसका मतलब यह है कि होम आइसोलेशन में भी बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज चल रहा है।
कोराेना मरीजों के लिये तीन स्तर पर है बेड्स की व्यवस्था
बात की जाए दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोविड मरीजों के बेड्स को लेकर इंतजामों की तो अस्पतालों में कुल 5815 बेड्स की व्यवस्था की गई है। दिल्ली सरकार की ओर से तीन स्तर पर बेड्स की व्यवस्था की गई है। इसके लिए अस्पतालों के अलावा डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर और डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर बनाए गए हैंं। इन सभी में कोरोना मरीजों के लिए अलग-अलग बेड्स की व्यवस्था की गई है।
दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में 5815 बेड की व्यवस्था की है जिनमें से मौजूदा समय में 31 मार्च तक 1799 बेड्स पर ही मरीज भर्ती हैं। बाकी 4016 बेड्स अभी भी खाली हैं।
इसके अलावा डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर में 5525 बेड्स की व्यवस्था की गई है जिनमें से सिर्फ 24 बेड पर ही अभी मरीज भर्ती हैं। इसके अतिरिक्त सरकार ने कोविड हेल्थ सेंटर में 97 बेड्स की व्यवस्था की है। इन पर अभी कोई मरीज भर्ती नहीं है। यह लंबे समय से पूरी तरीके से खाली पड़े हुए हैं। हालांकि मरीजों के कम आने के दौरान इन बेड्स की संख्या भी बीच में 67 कर दी गई थी। लेकिन जैसे ही मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो इनकी संख्या भी पुनः 97 कर दी गई।
खाली पड़े बेड्स, लेकिन और नये जोड़ने में जुटी सरकार
बावजूद इसके देखा जाए तो अस्पतालों में बेड्स परकोविड मरीज भर्ती नहीं होने से खाली हैं। लेकिन दिल्ली सरकार बेड्स की और व्यवस्था करने में अभी से जुट गई है। लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के चलते दिल्ली सरकार ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। बुधवार को जहां निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड्स बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, कोरोना मरीजों के लिए सामान्य बेड्स में भी 842 और जोड़ने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
दिल्ली सरकार की ओर से की जा रही यह तैयारी इस ओर संकेत दे रही है कि वह पहले की तरह कोरोना की वजह से दिल्ली में खराब हुए हालातों को पुनः दोहराना नहीं चाहती। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए फुलप्रूफ तैयारी करने में अभी से जुट गई है।
पॉजिटिविटी रेट 2.71% सरकार के लिए बनी बड़ी चिंता
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पहले कोरोना मरीजों की पॉजिटिविटी रेट को लेकर कहते रहे हैं कि अगर दिल्ली में एक फीसदी से ऊपर यह जाता है तो चिंता की बात होगी और सरकार उसके लिए रणनीति तैयार करेगी। वहीं, अब पॉजिटिविटी रेट 31 मार्च तक 2.71% पहुंच चुका है यह दिल्ली सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया हैं
जून-जुलाई में बिगड़े हालात को पैदा नहीं होने देना चाहती सरकार
इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री भी गत जून-जुलाई में दिल्ली में बिगड़े कोरोना के हालातों जैसी स्थिति अब ना बने, इसलिए वह हर सख्त कदम उठाने के लिए अभी से रणनीति बना रहे हैं। इस दिशा में बुधवार को बेड्स की संख्या में की जाने वाली बढ़ोतरी भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
साथ ही दिल्ली के एयरपोर्ट, इंटरस्टेट बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशनों पर से आने वाले यात्रियों की रेंडम चेकिंग और दूसरे अहम कदमों को भी सख्ती से अपनाया जा रहा है।
कोविड मामलों से निपटने को लेकर LG भी लगातार कर रहे DDMA की मीटिंग
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल भी कोविड मामलों से निपटने को लेकर डीडीएमए की मीटिंग में प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाने के आदेश दे चुके हैं। वहीं दिल्ली सरकार भी दूसरे राज्यों की तुलना में कोरोना जांच ज्यादा से ज्यादा कराने का काम भी कर रही है। हर रोज 65 से 90 हजार तक के कोरोना टेस्ट किये जा रहे हैं. दिल्ली सरकार की ओर से अब तक 1,47,25,836 लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है।
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