यूनिक समय। देश में एक बार फिर पहलवानों और बृजभूषण सिंह का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी और सांसद बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती संघ चुनाव जीत गए हैं। डब्ल्यूएफआई चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद ही महिला पहलवान साक्षी ने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। इसे लेकर देश में राजनीति गरमा गई है। महिला पहलवानों के समर्थन में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फेंस कर कहा कि बेटियों के अपमान पर प्रधानमंत्री चुप हैं।
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— Congress (@INCIndia) December 22, 2023
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और विजेंद्र सिंह मीडिया के सामने आए और उन्होंने मोदी सरकार को घेरा। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई चुनाव जीतने के बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने संन्यास ले लिया, जोकि भारत के खेल इतिहास में एक काला अध्याय है। साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली पहलवान हैं। किसान की पहलवान बेटी की आंखों से आंखू निकल रहे हैं, जोकि सरकार की बेशर्मी का प्रमाण है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि किसान परिवार की जिस बेटी ने भारत को पहला ओलंपिक पदक दिलाया था, उसे अब मजबूरन घर बैठना पड़ रहा है। न्याय की लड़ाई के लिए पहलवान बेटियां जंतर-मंतर पर बैठी रहीं, लेकिन भाजपा सरकार ने पुलिस के जूतों से कुचलवाया था। उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और खेल मंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश की बेटियों का मोदी सरकार से सवाल है कि किसान की पहलवान बेटियों के अपमान पर देश की संसद और मोदी सरकार क्यों चुप है?. देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा-राज्यसभा के सभापति, खेल जगत की नामी-गिरामी हस्तियां क्यों मौन हैं? तो क्या अब मान लिया जाए कि अब न्यू इंडिया का नॉर्मल दबदबा, डर, भय और अन्याय है।
कांग्रेस नेता और बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने कहा कि अगर आपकी मां-बहन-बेटी के साथ ऐसा व्यवहार होता तो क्या आप लोग तब भी चुप रहते या मोदी सरकार ऐसे ही मौन रहती। महिला पहलवानों के प्रोटेस्ट को बदनाम करने का प्रयास किया गया है। पहले दिन से मैं महिला पहलवानों की न्याय लड़ाई में खड़ा हूं और भविष्य में भी साथ खड़ा रहूंगा। मैं सिर्फ यही चाहता हूं कि उन पहलवानों के साथ न्याय हो।
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