18वीं लोकसभा के पहले सत्र में आज इंडिया के सभी सांसद हाथों में संविधान की प्रति लेकर संसद पहुंचे। इस दौरान इंडिया सांसदों ने एकता का प्रदर्शन करते हुए महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भी खड़े हुए। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि देश चलाने के लिए सबकी सहमति जरूरी होती है। हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं। देश को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है। वहीं 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन सभी विपक्षी सांसदों के भी संसद पहुंचने का सिलसिला जारी है।
इस बीच विपक्षी सांसदों के हाथ में संविधान की काॅपी भी नजर आई। यह पहले से तय था। संसद में प्रवेश से पहले सभी विपक्षी सांसदों ने एकता का प्रदर्शन करते हुए महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाया। इस दौरान टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय कहा कि हमारी मांग देश के संविधान की रक्षा करना है। भारत और बांग्लादेश के बीच समझौते होते हैं लेकिन वे पश्चिम बंगाल सरकार को नहीं बुलाते हैं, और सब कुछ एकतरफा करते हैं। हमें इस 18वीं लोकसभा के पहले दिन से ही इसकी रक्षा करनी है।
#WATCH | Akhilesh Yadav, Dimple Yadav and all other MPs of Samajwadi Party arrived at the Parliament this morning, by carrying a copy of the Constitution of India. pic.twitter.com/eJBofV9Wwd
— ANI (@ANI) June 24, 2024
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि हम इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन किया गया है। जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई है, वह संवैधानिक प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है और पहले की मिसालों का भी स्पष्ट उल्लंघन है। वहीं प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अपना अहंकार नहीं भूली है। हम देख सकते हैं कि वे देश के प्रमुख विषयों की अनदेखी कर रहे हैं।
भारत का पूरा दलित समुदाय एक ऐतिहासिक दृश्य देख सकता है यदि के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता। आज भाजपा न केवल कांग्रेस, इंडिया गठबंधन और के. सुरेश की उपेक्षा की है, बल्कि पूरे दलित समुदाय की उपेक्षा की है इससे पहले आज भाजपा सांसद भर्तुहरि महताब को सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ दिलाई। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे। उधर कांग्रेस प्रोटेम स्पीकर का विरोध कर रही है। विपक्ष ने कहा कि सरकार ने नियमों को दरकिनार कर उनको प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। उनकी जगह के सुरेश को सांसद बनाया जाना चाहिए था। वे 8वीं बार सांसद बने हैं। जबकि भृर्तुहरि महताब 7वीं बाद सांसद बने हैं।
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