नई दिल्ली। कोरोना काल में जहां एक ओर लोग नौकरी और काम धंधा बंद हो जाने से रोजी रोटी को लेकर परेशान हैं। इस बीच सब्जियों की बढ़ी कीमतों की वजह से भी आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां भी गायब हो रही हैं। खास तौर पर प्राइवेट नौकरी और उद्योग धंधों में काम कम रहे लोग कोरोना काल में आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। जिससे खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने से लोगों पर अब दोहरी मार पड़ रही है।
हालांकि गर्मियों में हरी सब्जियों में दामों में हर साल कुछ उछाल आता है। लेकिन इस बार परवल, करेला, भिन्डी, नेनुवा, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां मंहगी बिक रही हैं। जिसने लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। कोरोना की बीमारी में सबसे लाभदायक नींबू भी पांच रुपये पीस बिक रहा है। हालांकि आलू और प्याज की कीमतें स्थिर होने से लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है। इसके साथ ही मौसमी फल खीरा, तरबूज और खरबूज भी लोगों को थोड़ी राहत दे रहे हैं। लेकिन लोगों का कहना है कि सब्जियों की बढ़ी कीमतों से उनके परिवार का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है।
वहीं दुकानदारों का मानना है कि हरी सब्जियों को छोड़कर अन्य सब्जियों की कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ी हैं। सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक कोरोना के संक्रमण काल में बहुत कम मुनाफे के साथ लोगों को सब्जियां मुहैया करायी जा रही हैं. शहर की राजरुपपुर सब्जी मंडी का जायजा लिया संवाददाता ने…
आइये एक नजर डालते हैं सब्जियों की कीमतों पर
अदरक- 80-100 रुपये प्रति किलो
परवल- 60 रुपये प्रति किलो
शिमला मिर्च- 60 रुपये
नेनुवा- 40 रुपये प्रति किलो
गाजर- 40 रुपये प्रति किलो
करेला- 40 रुपये प्रति किलो
मिर्चा- 40 रुपये प्रति किलो
बैंगन- 30-40 रुपये प्रति किलो
भिंडी- 40-50 रुपये प्रति किलो
टमाटर- 20 रुपये प्रति किलो
कद्दू- 20 रुपये प्रति किलो
नींबू- पांच रुपये प्रति पीस
लौकी- 20-30 रुपये प्रति पीस
खीरा- 20 रुपये प्रति किलो
खरबूजा- 30 रुपये प्रति किलो
तरबूज- 20 रुपये प्रति किलो
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