
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बढ़ने के साथ यूपी सरकार का जोर है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन करा पाएं, लेकिन वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। यदि ऐसा नहीं होता तो बरेली में एक बीजेपी नेता को वैक्सीन नहीं लगने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जारी नहीं कर दिया जाता।
बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला महामंत्री शैलेंद्र विक्रम पाल ने 17 मार्च को सुबह अपने वैक्सीनेशन के लिए ऐप के माध्यम से आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया। इसके आधार पर उनको वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के लिए उसी दिन दोपहर दो बजे के बाद बरेली के जिला अस्पताल में बुलाया गया। शैलेंद्र विक्रम पाल ने बताया कि चूंकि उनका स्वास्थ्य खराब था, इसलिए उन्होंने उसी दिन ऐप के माध्यम से अपने वैक्सीनेशन के लिए 18 मार्च की तिथि सुनिश्चत कर की, लेकिन इसके जवाब में उनके पास एसएमएस से संदेश दिया गया कि आपको वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है और आप वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र ऐप के माध्यम से अपलोड कर लें। इस पर बीजेपी नेता हैरत में पड़ गए।
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