वॉशिंगगटन। कोरोना वायरस से दुनिया भर में हाहाकार मचा हुआ है। अब तक 59 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। डॉक्टरों को अब तक इसके लिए वैक्सिन बनाने में कोई बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगी है। इस बीच कोरोना वायरस के फैलने को लेकर वैज्ञानिकों की तरफ से लगातार चेतावनियां आ रही हैं। अमेरिका के वैज्ञानिक पैनल का मानना है कि कोरोना वायरस सांस लेने और बातचीत के जरिये भी फैल सकता है।
हवा में फैलते हैं वायरस
वैज्ञानिकों के मुताबिक,ये एक एयरबॉर्न डिजीज़ है और तेजी से फैल रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी संक्रमित मरीज के सांस लेने के दौरान ये वायरस हवा में आ जाते हैं. एक वायरोलोजिस्ट ने कहा, ‘यही वजह है कि ये वायरस तेजी से फैल रहा है। लोगों में इसके लक्षण जल्दी नहीं दिखते हैं. ऐसे में इस बीमारी से बचने के लिए लॉकडाउन और आइसोलेशन बेहद जरूरी है।’
6 फीट तक फैल सकता है वायरस
यूनाइटेड स्टेट सेंटर्स फोर डिडिज़ कंट्रोल एंड प्रिवेनशन के मुताबिक अगर कोई संक्रमित मरीज छींकता या खांसता है तो फिर वायरस के ड्रॉपलेट्स हवा में फैल जाते हैं और ये 6 फीट की दूरी तक खतरनाक हो सकता है. सीएनएन के मुताबिक फिनबर्ग नाम के एक वैज्ञानिक ने व्हाइट हाउस को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उसने कहा है कि चीन में हुई रिसर्च में ये भी पता चला है कि डॉक्टर और नर्स के प्रोटेक्टिव गीयर खोलने के दौरान भी इसके वायरस हवा में फैल जाते हैं।
देर तक हवा में रहता है वायरस
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के शोध से साफ हो गया है कि ये वायरस हवा में भी काफी देर तक सक्रिय रह सकता है। इस हवा में स्वस्थ व्यक्ति के सांस लेने पर वह भी संक्रमित हो सकता है. शोध के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति खांसकर, छींककर या छूकर अलग-अलग सतहों को ही नहीं हवा को भी संक्रमित कर सकता है।
Leave a Reply