नई दिल्ली। भारत में नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों की खूब चर्चा हो रही है. लोग कह रहे हैं कि सरकार ने बहुत ही कड़े प्रावधान कर दिए हैं. इसकी जरूरत नहीं थी. कुछ लोग सवाल पूछते हुए कहते हैं कि क्या चोरी की सजा फांसी हो सकती है? इनका मानना है कि मामूली नियम तोड़ने पर इतना जुर्माना लगाना ठीक नहीं है. सवाल है कि क्या इतना सख्त कानून सिर्फ हमारे देश में लागू है? दूसरे देशों में ट्रैफिक नियमों को लेकर क्या हाल है? हमने इसी सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की है.
एशियाई देशों में ट्रैफिक के कानून
एशियाई देशों में नशे में गाड़ी चलाने पर सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान है. ये ज्यादातर एशियाई देशों में लागू है. ताइवान जैसे देश में नशे में गाड़ी चलाने पर 2 साल की सजा और 6700 डॉलर यानी करीब 4 लाख 82 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. अगर नशे की हालत में गाड़ी से एक्सीडेंट हो जाता है तो 7 साल की सजा और एक्सीडेंट में किसी की मौत की हालत में 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है.
यूरोपिय देशों में गाड़ी की रफ्तार पर लगाम
यूरोपिय देशों में भी गलत तरीके से गाड़ी चलाने पर सख्त सजा और जुर्माना लगाया जाता है. हॉलैंड में तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर गाड़ी हमेशा के लिए जब्त कर ली जाती है.
फिनलैंड में भी तेज रफ्तार गाड़ी चलाने पर सख्त सजा का प्रावधान है. वहां जुर्माने की रकम गाड़ी की रफ्तार और दोषी व्यक्ति की सालाना इनकम देखकर लगाई जाती है. एक अरबपति को तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने का जुर्माना भरना पड़ा. उसे 5 लाख पाउंड यानी करीब 4 करोड़ 37 लाख रुपए जुर्माना देना पड़ा.
स्विटजरलैंड में भी इसी तरह का कानून है. यहां एक स्वीडिश नागरिक 180 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी मर्सीडीज भगा रहा था. ट्रैफिक पुलिस ने उस पर 5 लाख पाउंड का जुर्माना ठोक दिया.
मध्य पूर्व के देशों में ट्रैफिक के नियम
मध्य पूर्व के देशों में भी ड्राइविंग को लेकर सख्त नियम हैं. इन देशों में खासकर नशे में गाड़ी चलाना संगीन जुर्म माना जाता है. अबू धाबी में नशे में गाड़ी चलाने के लिए एक शख्स को 80 कोड़े मारने की सजा दी गई. ईरान में भी इसी तरह का कानून है. वहां तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर एक साल की सजा का प्रावधान है.
सऊदी अरब में तो महिलाओं के गाड़ी चलाने पर ही प्रतिबंध था. बहुत मशक्कत के बाद सीमित तौर पर कुछ महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस दिए गए हैं. उनके लिए भी सख्त नियम कायदे बनाए गए हैं.
यूके में ड्राइविंग को लेकर सख्त नियम
यूके में किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए गाड़ी चलाने पर भारी-भरकम जुर्माना देना पड़ता है. अगर आप मोबाइल पर बात करते हुए, कोई वीडियो देखते हुए या कोई टेक्स्ट करते हुए गाड़ी चला रहे हैं तो ट्रैफिक पुलिस आप पर 200 पाउंड यानी करीब 17 हजार रुपए का जुर्माना ठोक सकती है.
ये जुर्माना भी पहली बार पकड़े जाने पर है. दूसरी और तीसरी गलती पर और सख्त जुर्माना है. पहली बार पकड़े जाने पर ड्राइवर को 6 पॉइंट मिलते हैं. हर गलती पर यूके में ड्राइवर को जुर्माने की रकम के साथ कुछ पॉइंट मिलते हैं. अगर किसी ड्राइवर के पास ड्राइविंग का 2 साल से कम का अनुभव है और उसे 6 पॉइंट मिल गए तो समझिए कि उसका ड्राइविंग लाइसेंस कैंसल हो गया.
उसी तरह से अगर किसी अनुभवी ड्राइवर को 12 पॉइंट मिल गए तो उसका लाइसेंस रद्द माना जाएगा. यूके के कई राज्यों में 750 डॉलर यानी करीब 54 हजार रुपए तक का जुर्माना और 3 महीने की सजा का प्रावधान है.
इसी तरह से ओमान में अगर आप ड्राइव करते वक्त मोबाइल फोन पर बात करते, वीडियो देखते या टेक्स्ट करते पकड़े जाते हैं तो आपको 10 दिन की जेल हो सकती है. साथ ही आपको करीब 780 डॉलर यानी 56 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा.
करीब 30 देशों ने ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल के इस्तेमाल पर सख्त पाबंदी और जुर्माने का प्रावधान रखा है. बरमूडा में करीब 500 डॉलर यानी करीब 36 हजार रुपए, त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देश में 225 डॉलर यानी करीब 16 हजार, कतर में 137 डॉलर यानी करीब 10 हजार और फिलिपिंस में 100 डॉलर यानी करीब 72 सौ रुपए जुर्माना लगाया जाता है. त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों में तीन महीने की सजा का भी प्रावधान है.
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