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कोविड-19 महामारी से लड़ाई में भारत ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। देश में पहली नेजल वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। भारत बायोटेक के नेजल वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। कोवैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से अप्रूवल मिला है। अब इस वैक्सीन का इमरजेंसी यूज हो सकेगा। फिलहाल, नाक के माध्यम से इस्तेमाल होने वाले इस वैक्सीन को केवल वयस्कों को ही दिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया कि यह कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को एक बड़ा कदम है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत मानव संसाधनों का भरपूर उपयोग कर रहा है। यहां विज्ञान, अनुसंधान पर पूरा फोकस हो रहा है। हमने अपने विज्ञान, अनुसंधान और विकास और मानव संसाधन का उपयोग किया है। इसी का नतीजा है कि आज हम दुनिया में सबसे पहले वैक्सीन बना सके। महामारी से न केवल देशवासियों को सुरक्षित करने में सफल रहे बल्कि वैश्विक दुनिया में भी मदद कर सके।
मुंबई स्थित ग्लेनमार्क ने बीते फरवरी में कोविड-19 पीड़ित वयस्कों के इलाज के लिए नेजल स्प्रे वैक्सीन लांच किया था। SaNOtize के साथ साझेदारी में ग्लेनमार्क ने भारत में FabiSpray लांच किया था। अब कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग का अप्रूवल ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से प्राप्त कर लिया है। कंपनी ने नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे के लिए अप्रूवल लिया है। एक अधिकारिक बयान में बताया गया है कि भारत में थर्ड फेज का ट्रॉयल पूरा हो चुका है। नेजल स्प्रे से कोविड मरीजों में 24 घंटे में 94 परसेंट का वायरल लोड कम हो गया जबकि 48 घंटों में 99 प्रतिशत वायरल लोड की कमी दर्ज की गई।
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