
यूनिक समय, नई दिल्ली। चीन ने अपनी बहुप्रतीक्षित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को अब अफगानिस्तान तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है। इस विस्तार को लेकर चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय समझौते को अंतिम रूप दिया गया है।
इस समझौते के तहत अफगानिस्तान को CPEC परियोजना में शामिल किया जाएगा, जिससे न केवल अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में व्यापारिक संपर्क और क्षेत्रीय सहयोग को भी मजबूती मिलेगी। परियोजना के तहत सड़क, रेलवे और ऊर्जा से जुड़े बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी।
CPEC, जो चीन और पाकिस्तान के बीच एक प्रमुख आर्थिक साझेदारी का प्रतीक है, व्यापारिक रास्तों को मजबूत करने, ऊर्जा आपूर्ति बढ़ाने और परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने में मदद करता है। अब इस गलियारे के अफगानिस्तान तक विस्तार से वहां के विकास को नई दिशा मिल सकती है, खासकर बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना में अफगानिस्तान की भागीदारी से क्षेत्रीय समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल न केवल अफगानिस्तान के लिए व्यापार के नए द्वार खोलेगी, बल्कि चीन को रणनीतिक रूप से और अधिक प्रभावशाली बनाएगी। हालांकि, भारत इस परियोजना को लेकर पहले से ही चिंता जता चुका है, क्योंकि इसे चीन की क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा माना जाता है।
इस त्रिपक्षीय साझेदारी से उम्मीद जताई जा रही है कि अफगानिस्तान में निवेश, विकास और क्षेत्रीय संपर्क के नए अवसर पैदा होंगे, जो आगे चलकर समूचे दक्षिण एशिया के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
Leave a Reply