नई दिल्ली। कप्तान कोहली सहित भारतीय दिग्गज बल्लेबाज पहले तीन टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। मोटेरा में खेला गया तीसरा टेस्ट दो ही दिन में खत्म हो गया था। ऐसे में अंतिम टेस्ट में बैटिंग पिच बनाने की चर्चा है। लेकिन यह दांव टीम इंडिया के लिए उलटा पड़ सकता है। कप्तान विराट कोहली सहित हमारे दिग्गज बल्लेबाज अब तक फ्लॉप रहे हैं। चार मैचों की सीरीज में टीम इंडिया 2-1 से आगे है. चौथा टेस्ट 4 मार्च से शुरू होना है।
कोहली की बात करें तो उन्हाेंने 3 टेस्ट की 5 पारियों में 2 अर्धशतक के सहारे 172 रन बनाए हैं. पांच पारियों में वे चार बार स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ आउट हुए हैंं वे इंटरनेशल क्रिकेट की अंतिम 36 पारियों से शतक नहीं लगा सके हैं। यह उनके करिअर का सबसे खराब प्रदर्शन है. इतना की नहीं कोहली ने पिछले साल न्यूजीलैंड में खेले दो टेस्ट और ऑस्ट्रेलिया में खेले एक टेस्ट यानी कुल 6 पारियों में से सिर्फ एक में अर्धशतक लगा सके थे. तीन पारियों में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके थे। टीम को न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार मिली थी।
चेतेश्वर पुजारा सिर्फ टेस्ट खेलते हैं. ऐसे में उनसे यहां अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है। हालांकि उन्हें इस बार आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स में जगह ली है. पुजारा टेस्ट में दो साल और 27 पारी से शतक नहीं लगा सके हैं। इस दौरान 81 रन उनकी सबसे बड़ी पारी रही। उन्होंने अंतिम शतक जनवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में लगाया था। पुजारा अंतिम 27 पारियों में से 9 में अर्धशतक लगाए हैं जबकि 8 में दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके हैं. ऐसे में पुजारा अंतिम टेस्ट में शतक लगाकर अपने शतक का सूखा खत्म करना चाहेंगे। मोटेरा में उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है। 2012 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ इसी मैदान पर 206 रन की नाबाद पारी खेली थी।
रहाणे 5 पारियों में 100 रन भी नहीं बना सके
दूसरी ओर उपकप्तान अजिंक्य रहाणे मौजूदा सीरीज की 5 पारियों में कुल 100 रन भी नहीं बना सके हैं। ऑस्ट्रेलिया में अपनी कप्तानी में टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत दिलाने वाले रहाणे घर में अच्छा खेल नहीं दिखा सके हैं। उन्होंने एक अर्धशतक के साथ 85 रन बनाए हैं। वे स्पिन गेंदबाजों को नहीं खेल पा रहे हैं और पांच में से चार बार उन्हें स्पिन गेंदबाजों ने ही आउट किया है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने एक शतक लगाया था, लेकिन अन्य 7 पारियों में किसी में भी वे 50 रन का आंकड़ा नहीं छू सके थे।
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