Meta पर संकट, क्या मार्क जुकरबर्ग के हाथ से जाएंगे Instagram और WhatsApp?

Meta पर संकट

यूनिक समय, नई दिल्ली। Meta प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग इन दिनों मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। अमेरिका की फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने Meta के खिलाफ बड़ा एंटी-ट्रस्ट मुकदमा दायर किया है, जिसकी सुनवाई ट्रिब्यूनल कोर्ट में शुरू हो चुकी है। FTC का आरोप है कि Meta ने Instagram और WhatsApp का अधिग्रहण प्रतिस्पर्धा खत्म करने के उद्देश्य से किया था, जिससे यूजर्स के पास सीमित विकल्प रह गए हैं।

FTC ने 2012 और 2014 में हुए Instagram और WhatsApp के अधिग्रहण को अवैध करार देते हुए इन डील्स को रद्द करने की मांग की है। अगर FTC कोर्ट में अपने पक्ष में फैसला करवाने में सफल होती है, तो Meta को दोनों प्लेटफॉर्म्स से हाथ धोना पड़ सकता है। यह स्थिति कंपनी के बिजनेस मॉडल और राजस्व पर गंभीर असर डाल सकती है, खासकर तब जब 2025 में इंस्टाग्राम से Meta के अमेरिकी विज्ञापन राजस्व का आधे से अधिक हिस्सा आने का अनुमान है।

सोमवार को हुई सुनवाई में जुकरबर्ग ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इन अधिग्रहणों का उद्देश्य यूजर अनुभव को बेहतर बनाना और इनोवेशन को बढ़ावा देना था। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दशक में Meta के सभी प्लेटफॉर्म्स समय के साथ अधिक उपयोगी और प्रभावी बने हैं।

वहीं FTC के प्रमुख वकील डेनियल मेथेसन ने अपने बयान में कहा कि Meta के पास फेसबुक, इंस्टाग्राम और WhatsApp जैसे तीन बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स हैं, जिनकी वजह से प्रतिस्पर्धियों के लिए बाजार में टिक पाना मुश्किल हो गया है।

इस हाई-प्रोफाइल ट्रायल की सुनवाई अगले आठ हफ्तों तक चलने की उम्मीद है। इस केस का फैसला न केवल Meta के भविष्य को प्रभावित कर सकता है, बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

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