रवि प्रकाश सिंह रैकवार, नोए़डा
कोरोना संक्रमण की वजह से लगे आंशिक कर्फ्यू में बंदिशों के बीच नोएडा के लोगों ने करीब एक अरब रुपये का जाम छलका दिया। जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने बताया कि मई में कुल 94 करोड़ रुपये शराब की बिक्री जिले में हुई।
पिछले साल की मई के मुकाबले इस साल मई में कुल 31 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ। मई में देसी शराब की कुल खपत दस लाख लीटर रही। वहीं, विदेशी मदिरा की कुल दस लाख 60 हजार बोतल बिकी। बीयर की भी 17 लाख कैन बिकीं। मई के तीसरे सप्ताह तक बिक्री में थोड़ी गिरावट देखी गई थी, लेकिन अंतिम सप्ताह में बिक्री ने सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए।
सामान्य महीनों में बिकती है 80 करोड़ तक की शराब
बता दें कि इस माह 11 मई को लंबे समय बाद जब शराब की दुकानें खुली तो जमकर बिक्री हुई। शराब की दुकानों के बाहर लंबी लाइन देखने को मिलीं। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि सामान्य महीनों में जिले में 75 से 80 करोड़ की शराब बिक जाती है। औसतन ढाई करोड़ की शराब की जिले में रोजाना खपत होती है।
देसी शराब से सबसे ज्यादा राजस्व
शराब की बिक्री से बड़ा राजस्व सरकार को जाता है। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि देसी शराब की सबसे ज्यादा खपत लेबर क्लास में होती है। कोरोना के कारण श्रमिक वर्ग भारी संख्या में पलायन कर गया है। श्रमिक वर्ग के न होने से देसी शराब की बिक्री काफी कम हो गई थी, लेकिन जिले में अनलॉक होने की सुगबुगाहट के बीच अब श्रमिक वर्ग वापस लौट आया है।
कम घंटों में भी हुई जमकर बिक्री
इस समय सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक ही शराब की बिक्री हो रही है। सामान्य दिनों में यह समय सीमा सुबह 11 बजे से रात दस बजे तक रहती है। शराब बिकने के घंटे भले ही कम हो गए लेकिन बिक्री का इसपर कोई असर नहीं दिखा।
दिल्ली से सटी दुकानों पर ज्यादा बिक्री
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि जिले के अंदर की दुकानों और मॉडल शॉप पर शराब की ठीकठाक बिक्री हुई है लेकिन दिल्ली बॉर्डर से सटी दुकानों पर सबसे ज्यादा बिक्री हुई है। दिल्ली में शराब की दुकानें बंद होने के कारण दिल्ली के लोगों ने बॉर्डर से सटे शराब की दुकानों पर खूब शराब खरीदी।
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