यूनिक समय, मथुरा। एक बार फिर से विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए साइबर लॉ: इमर्जिंग टेज्ंड एंड चैलेंजिस विषय पर इनफिनिटी पब्लिकेशन लंदन यूके द्वारा एक मुद्रित पुस्तक में अपने लेख पब्लिश कराने में सफलता पायी है। इस पुस्तक का विमोचन जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल ने किया। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि यूनिवर्सिटी बीबीए एलएलबी आॅनर्स, बीकॉम एलएलबी आॅनर्स एवं बीए एलएलबी आॅनर्स के छात्र-छात्राओं को ध्यान में रखते हुए इंटर्नशिप एवं प्लेसमेंट को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है एवं एक व्यवस्थित तरीके से ट्रेनिंग, वर्कशॉप तथा एमओयू के माध्यम से छात्र-छात्राओं को इसके लिए तैयार किया जा रहा है, जिसके सुखद परिणाम शीघ्र ही दृष्टिगोचर होंगे।
डीन प्रो. सोमेश धमीजा ने बताया कि पुस्तक के कुल 19 अध्याय में से आठ अध्याय में जीएलए विश्वविद्यालय के बीए एलएलबी आॅनर्स एवं बीकॉम एलएलबी के छात्र-छात्राओं ने लेखक/सहलेखक के रूप में अपना योगदान दिया है। प्रो. धमीजा ने बताया कि निकट भविष्य में एक और पुस्तक ह्यमेरिटल रेप: द क्राइम बीयोण्ड कोनटोरस प्रकाशित होने जा रही है, जिसमें जीएलए विष्वविद्यालय के 21 छात्र-छात्राओं ने लेख/सहलेखक के रूप में अपना योगदान दिया है।
विभागाध्यक्ष प्रो. आलोक वर्मा ने बताया कि उचित मार्गदर्शन एक ट्रेनिंग के माध्यम से यूनिवर्सिटी के लॉ छात्र-छात्राओं को इस प्रकार की उपलब्धियों के लिए समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता रहा है। इसका परिणाम इस अंतरराष्ट्रीय पुस्तक के रूप में परिलक्षित हो रहा है।
लंदन यूके से मुद्रित पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए विधि संस्थान के असिस्टेंट प्रो. डा. तरूण प्रताप यादव ने बताया कि इस किताब की विषय वस्तु मुख्य रूप से साइबर आतंकवाद (टेररिस्म) तथा इसके अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर आधारित है। इस पुस्तक के माध्यम से साईबर आतंकवाद पर नियंत्रण हेतु विभिन्न कानूनी विकल्पों के बारे में भी विस्तृत शोध किया गया है। यह पुस्तक बैंकिंग क्षेत्र में होने वाले विभिन्न किस्म के अपराधों के बारे में जहां एक ओर आम जनमानस को जागृत करती है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में इस संदर्भ में उपलब्ध कानूनों पर विस्तृत प्रकाश भी डालती है।
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