इस राज्य में फैली खतरनाक बीमारी, 800 से ज्यादा मवेशियों की मौत

राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशियों में फैल रही अजीब बीमारी को लेकर राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई हैं। इस बारे में अब दिल्ली तक सूचनाएं भेजी गई है और दिल्ली से केंद्र सरकार का एक विशेष दल राजस्थान में मवेशियों में फैली इस बीमारी की जांच पड़ताल के लिए आ रहा है। बताया जा रहा है कि विशेष टीम आज शाम तक राजस्थान पहुंचेगी और उसके बाद राजस्थान के अलग-अलग जिलों में इस बीमारी को लेकर जांच पड़ताल करेगी। राजस्थान के कुछ जिलों में तो मवेशियों से बीमारी मनुष्यों तक में फैल रही है और उन्हें भी चर्म रोग की समस्या परेशान कर रही है। राजस्थान में विशेषकर नागौर, पाली ,चूरु ,झुंझुनू जैसे जिलों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

बताया जा रहा है कि इस अजीबोगरीब बीमारी को लम्पी वायरस कहा जाता है। इस बीमारी में मवेशियों खास तौर पर गायों में सिक्के के आकार के निशान उभरते हैं और कुछ दिन में वे फटने लगते हैं और उनसे लगातार खून रिसता है । ऐसे में तड़प तड़प कर मवेशियों की जान चली जाती है। राजस्थान में इस बीमारी से पिछले 15 से 20 दिन के दौरान ही करीब 800 से ज्यादा मवेशी जान गवां चुके हैं। इनमें से करीब 300 पाली और नागौर जिले से ही हैं।

इस बारे में नागौर जिले से सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री डॉ संजीव बालियान को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है और मदद मांगी है। इसी जानकारी के बाद अब राजस्थान में एक विशेष दल पशुओं में फैल रही बीमारी को जांच पड़ताल के लिए आ रहा है। केंद्र की ओर से आ रहे दल में कई पशु रोग चिकित्सक और डेयरी बंदोबस्त से जुड़े लोग होंगे। यह लोग राजस्थान के करीब 6 से भी ज्यादा जिलों का दौरा करेंगे और उसके बाद इसी हफ्ते के अंत में रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री डॉ संजीव बालियान को सौंपेंगे।

इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार आगामी बंदोबस्त करेगी। बताया जा रहा है कि राजस्थान के अलावा यह बीमारी बेहद तेजी से गुजरात राज्य में भी फैल रही है। वहां भी 20 दिन के दौरान करीब 1000 मवेशी दम तोड़ चुके हैं। पशुपालकों का कहना है कि यह बीमारी पशुओं से उन तक भी फैल रही है। उनके भी हाथों एवं पैरों पर चर्म रोग हो रहा है। लाल रंग के चकत्ते पड़ रहे हैं और इसमें तेजी से खुजली होने के बाद खून रिसने लगता है। इस बीमारी के बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी जानकारी भेजी गई थी, लेकिन फिलहाल सरकार की ओर से कोई बड़ी मदद नहीं मिल सकी है।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*