दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार(20 जनवरी) को अपना नामांकन भरेंगे। इससे पहले रविवार को उन्होंने केजरीवाल गारंटी कार्ड जारी किया, जिसमें उन्होंने दिल्ली की जनता से 10 वादे किए हैं। केजरीवाल और उनकी पार्टी हर तरह से दिल्ली की जनता को अपने काम के भरोसे जीतने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री का परिवार भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है।
केजरीवाल की पत्नी सुनीता, बेटी हर्षिता और बेटा पुलकित उनके लिए प्रचार कर रहे हैं। जानिए केजरीवाल का परिवार कैसे कर रहा है उनका प्रचार…
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गौरतलब है कि केजरीवाल 2013 से नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर केजरीवाल का यह तीसरा चुनाव है। इसी सीट पर केजरीवाल ने 2013 में शीला दीक्षित को करीब 26 हजार वोटों से हराया था। 2015 में इस सीट पर केजरीवाल ने भाजपा की नूपुर शर्मा को 32 हजार वोटों से शिकस्त दी थी।
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केजरीवाल की बेटी हर्षिता ने कुछ महीने पहले से ही अपने ऑफिस से छुट्टी ले रखी है और वह अपने पापा के विधानसभा क्षेत्र में घूम-घूमकर सरकार की नीतियों का प्रचार कर रही हैं। इस काम में केजरीवाल की पत्नी भी बेटी का साथ दे रही हैं। अब बेटे पुलकित भी इन दोनों को ज्वाइन कर चुके हैं और तीनों मिलकर केजरीवाल का प्रचार कर रहे हैं।
हर्षिता बीते कुछ महीने से इस विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न कालोनियों में प्रतिदिन दो नुक्कड़ सभाओं (जनसंवाद) के जरिये मतदाताओं से सरकार के कामकाज का फीडबैक ले रही हैं। उनकी योजना विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक इस विधानसभा में डटे रहने की है। बहरहाल यह साफ नहीं है कि हर्षिता भविष्य में राजनीति की राह पकड़ेंगी या उनका मकसद फिलहाल सिर्फ अपने सीएम पिता को चुनाव जिताना है।
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बीते दो हफ्ते से इस विधानसभा क्षेत्र की खाक छान रही हर्षिता अब तक सैकड़ों नुक्कड़ सभाएं कर चुकी हैं। सोमवार से शुक्रवार तक वह प्रतिदिन दो तो शनिवार और रविवार को प्रतिदिन तीन-तीन नुक्कड़ सभाएं कर रही हैं।
अनूठी प्रचार शैली
सीएम की बेटी के चुनाव प्रचार में कोई बड़ा तामझाम नहीं है। वह कॉलनियों के अंदर बने छोटे-छोटे पार्क में मतदाताओं के छोटे-छोटे समूह को संबोधित करती हैं। इस दौरान दूसरे दलों पर आरोप लगाने के बदले केजरीवाल सरकार की उपलब्धियां गिनाने पर ध्यान देती हैं। नुक्कड़ सभा से पहले आप के वॉलंटियर संबंधित कॉलनी केएक-एक घर में दस्तक दे कर कार्यक्रम की जानकारी देते हैं।
इस दौरान हर्षिता का मुख्य फोकस युवा और महिलाएं होती हैं। युवाओं को मुफ्त कोचिंग तो बुजुर्ग महिलाओं को सरकार की तीर्थ योजना की जानकारी देती हैं। संबोधन की शुरुआत भाजपा के पांच, कांग्रेस के दस और आप के साढ़े चार साल की तुलना से होती है।
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