राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के चलते अगले आदेश तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अभिभावकों के सुझावों पर विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावकों में यह चिंता है कि अगर स्कूल खुलते हैं तो कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा। सिसोदिया ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में जहां स्कूल खुले, वहां ऐसा देखा गया है।
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सिसोदिया ने कहा कि आईपी यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में 1330 सीटें और बढ़ा दी है। 12वीं के बाद हायर एजुकेशन में प्रवेश कर रहे छात्रों को इसका फायदा होगा। बीटेक में नई 630 सीटें, बीवॉक में 20 नई सीटें, बीबीए में 120, बीकॉम में 200 सीटें, बीसीए में 90 सीटें बढ़ाई गई हैं। ये सीटें बढ़ना 5 से 6 कॉलेज खोलने के बराबर है।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी राजधानी में विद्यालयों को फिलहाल खोले जाने की संभावना से इनकार किया था।
अनलॉक-5 के लिए जारी हुईं गाइडलाइन्स 30 नवंबर तक बढ़ाई गईं
पिछले महीने के अंत में अनलॉक-5 के लिए जारी की गईं गाइडलाइंस को अब नवंबर अंत तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
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अनलॉक-5 के लिए 30 सितंबर को जारी गृहमंत्रालय के आदेश के मुताबिक, “राज्य और केंद्र शासित राज्य 15 अक्टूबर के बाद क्रमबद्ध तरीके से स्कूल खोलने को लेकर फैसला ले सकते हैं। इससे लिए राज्य खुद स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े स्टैंडर्ड प्रोसिजर (SOP) तैयार करें जो शिक्षा मंत्रालय के एसओपी पर आधारित होनी चाहिए।”
लेकिन दिल्ली सरकार ने हालात को देखते हुए स्कूलों को 31 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया था। अब दिल्ली सरकार की ताजा घोषणा से लगता है कि स्कूल नवंबर में भी बमुश्किल ही खुलें।
देश में विश्वविद्यालय एवं विद्यालय 16 मार्च से बंद हैं जब केंद्र ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के उपाय के तहत देशभर में कक्षाओं को बंद करने की घोषणा की थी। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को लगाया गया था।
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