
महाराष्ट्र (Maharashtra ) में सत्ता की जंग में अब कहा जा रहा है कि शिवसेना (Shiv Sena )को जीत हासिल होने वाली है। अब महाराष्ट्र कि राजनीति में नए सूरज का उदय होने वाला है और ठाकरे परिवार से पहली बार कोई मुख्यमंत्री बनने वाला है। ये किसी का आधिकारिक बयान नहीं बल्कि शिवसेना के नेताओं के बयान है। अब कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray ) के बेटे और बाला साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray ) के पोते आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray ) को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, वहीं देवेंद्र फड़नवीस उप मुख्यमंत्री बनेंगे।
खत्म होगा अहंकारी का अहंकार
संपादक संजय (Sanjay Raut) राउत ने एक बार फिर बीजेपी (BJP) और खासकर देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि शिवसेना को देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के तौर पर किसी भी हाल में स्वीकार नहीं हैं। हां, यह जरूर है कि वो (देवेंद्र फडणवीस) चाहें तो कल ही डिप्टी सीएम बन सकते हैं। लंबे समय से हम लोग विरोध झेल रहे हैं, लेकिन हमें खत्म करने की बात बोलने वाला कोई नहीं मिला। इन्हें शिवसेना को खत्म करना है, अपने विरोधियों समेत मित्रों को भी खत्म करना है। खुद की ही पार्टी में चुनौती दे रहे नेताओं को खत्म करना है। अहंकारी का अहंकार खत्म करने का यह सही समय है।
हमें बराबरी चाहिए
एक इंटरव्यू में शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि सीटों के बंटवारे के दौरान बीजेपी ने हमें कम सीटें दीं। 25 सीटों पर जीतने की संभावना काफी कम थी। 32 सीटों पर बीजेपी के बागियों ने ही हमें हराया। ये कैसा गठबंधन हुआ। वो हो सकता है कि अपनी बात भूल गए हों लेकिन हमें याद है, हमें बराबरी चाहिए। पवार से बैठक क्यों नहीं होनी चाहिए। उनके पास कितने विधायक हैं यह बात नहीं है। बात है कि पवार के बिना सूबे की राजनीति की कल्पना नहीं की जा सकती है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से ही दिया गया था। राज्य में राष्ट्रपति शासन की जगह पर विपरीत विचारों की पार्टियों को भी साथ में लाया जा सकता है।
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