नई दिल्ली। दुनिया में सबसे बेहतर खुफिया एजेंसियों में शुमार मोसाद ने एक बार फिर नया कारनामा किया है। उसने इस बार अपने एक जासूस की 50 साल पुरानी घड़ी को खोज निकाला है। जासूस एली कोहेन को सीरिया में पकड़ा गया था और सरेआम फांसी दे दी गई थी। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घड़ी मिलने की पुष्टि की।
नेतन्याहू ने कहा , ‘मैं मोसाद के लड़ाकों के दृढ़ और साहसिक अभियान की प्रशंसा करता हूं। इस टीम का एकमात्र मकसद अपने महान जासूस की निशानी को इजरायल को वापस सौंपना था, जिन्होंने देश को सुरक्षित बनाए रखने में अहम योगदान दिया था।’ एजेंसी ने यह घड़ी मोसाद ने सीरिया से एक विशेष अभियान में खोजी है। हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि कोहेन की घड़ी उन्हें कहां और किस हाल में मिली। कोहेन की याद में कई सप्ताह पहले वार्षिक समारोह आयोजित किया गया था।
कौन थे कोहेन
फिलहाल यह घड़ी कोहेन के परिवार को सौंप दी है। पकड़े जाने से पहले तक वह यही घड़ी पहनते थे। मिस्र में जन्मे कोहेन 1960 के दशक में मोसाद में भर्ती हुए थे। अरब जगत की खुफिया जानकारियां जुटाने के लिए वह सीरिया चले गए। उनकी खुफिया जानकारियां ही अरब से युद्ध में इजरायल की जीत का कारण बनीं। हालांकि, सीरियाई सुरक्षा अधिकारियों ने 1964 में उनकी सच्चाई जान ली थी, इसके बाद 18 मई 1965 को कोहेन को फांसी पर लटका दिया। इसके बाद सीरिया ने उनसे जुड़े सामान और शव कोगुप्त स्थान पर ठिकाने लगा दिया था।
कोहेन को इजरायल का राष्ट्रीय हीरो माना जाता है। उनके नाम पर कई स्मारक और गलियां भी हैं। कोहेन की पत्नी ने सीरिया सरकार से 1965 में उनकी आखिरी निशानी को लौटाने की अपील की थी। कोहेन की फांसी की सजा के खिलाफ इजरायल ने अतंरराष्ट्रीय स्तर पर अपील की थी, लेकिन इसके बावजूद इजरायल अपने इस जासूस हीरो को नहीं बचा सका।
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