मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे हादसा से लोग सदमे में हैं। दो मिनट में कार आग का गोला बन गई। जिंदा जले पांच युवकों के डीएनए सैंपल को हड्डी, दांत तक तक पूरे नहीं मिले।
तीर्थनगरी मथुरा के महावन थाना क्षेत्र के यमुना एक्सप्रेसवे पर स्लीपर बस और कार की भिड़ंत के बाद लगी आग ने न सिर्फ वहां मौजूद लोगों को सहमा दिया, बल्कि कार में जिंदा जले युवकों के शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी हैरान रह गए। डॉक्टरों को डीएनए सैंपल के लिए शवों से हड्डी, दांत तक तक पूरे नहीं मिले।
इस आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि महज दो मिनट में कार आग का गोला बन चुकी थी और इतनी ही देर में अंदर का तापमान 350 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया। इस कारण 20 से 25 मिनट में शव जलकर राख हो गए। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को डीएनए सैंपल के लिए अंशुमन और सरवर हुसैन की जांघ की हड्डी का कुछ हिस्सा मिला, उसी को संरक्षित किया गया है।
वहीं, शिव किशन के हाथ के ऊपरी हिस्से की हड्डी का अवेशष मिला। हिमांशु और जैद के घुटने के नीचे की हड्डी का अवशेष मिला। इन सभी अवशेष से सैंपल लेकर पुलिस को डीएनए जांच के लिए सौंप दिए गए हैं। पुलिस इन्हें आगरा एफएसएल भेजेगी।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे में जिंदा जले कार सवारों की शिनाख्त के दौरान सामने आए राइड शेयरिंग एप ब्ला-ब्ला के जरिये सभी के एक साथ जुड़ने के तथ्य ने परिवहन विभाग को प्रवर्तन की कार्रवाई और अधिक कड़ी करने को चेताया है। दरअसल, सभी मृतक कार पूलिंग कर नोएडा-दिल्ली जा रहे थे।
कार अंशुमन की थी, जो कि निजी थी। निजी कार का व्यावसायिक इस्तेमाल करना एमवी एक्ट के विरुद्ध है। एआरटीओ प्रवर्तन एमपी सिंह ने बताया कि निजी कार में किसी भी माध्यम से सवारी बैठाना गलत है।
इसके अलावा निजी और व्यावसायिक वाहन की फिटनेस के मानक भी अलग-अलग हैं। इंश्योरेंस शर्तों का भी उल्लंघन है। परिवहन विभाग द्वारा पकड़े जाने पर इन तीनों सेक्शन के अलावा टैक्स नियमावली के तहत भी जुर्माना आरोपित किया जाता है। लोगों से अपील है कि वह यात्रा के लिए सार्वजनिक परिवहन वाहनों का ही इस्तेमाल करें।
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