
यूनिक समय, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील के विदेशी आयात पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने की घोषणा की है। यह निर्णय उन्होंने पिट्सबर्ग में यूएस स्टील के मोन वैली वर्क्स-इरविन प्लांट में एक कार्यक्रम के दौरान लिया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का भविष्य शंघाई जैसे शहरों से आने वाले निम्न गुणवत्ता वाले स्टील पर निर्भर नहीं होना चाहिए, बल्कि उसे पिट्सबर्ग की ताकत और आत्मनिर्भरता पर आधारित होना चाहिए।
इस फैसले का उद्देश्य घरेलू स्टील उद्योग को मजबूती देना और अमेरिकी निर्माण क्षेत्र को समर्थन देना है। ट्रंप का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी और खनिज व्यापार को लेकर तनातनी बढ़ी हुई है। टैरिफ में वृद्धि से चीन सहित अन्य देशों जैसे कनाडा और यूरोपीय देशों से आयात पर निर्भरता घट सकती है।
हालांकि, टैरिफ बढ़ने से अमेरिका के ऑटोमोबाइल, निर्माण और आवास क्षेत्रों में लागत में इजाफा हो सकता है, जिससे उपभोक्ताओं पर महंगाई का असर पड़ सकता है।
इस दौरान ट्रंप ने एक बड़ी डील की भी घोषणा की, जिसमें जापान की निप्पॉन स्टील कंपनी, यूएस स्टील का अधिग्रहण करेगी। हालांकि इस सौदे में कंपनी का नियंत्रण अमेरिका के हाथ में ही रहेगा। इसमें अमेरिकी नेतृत्व वाली टीम और एक “गोल्डन शेयर” के माध्यम से विशेष वीटो पावर शामिल की गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्णय अमेरिकी हितों के अनुसार लिए जाएं।
यूनाइटेड स्टीलवर्कर्स यूनियन ने इस सौदे की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। यूनियन का कहना है कि निप्पॉन बिना पूर्ण स्वामित्व के निवेश करने को तैयार नहीं थी, और अब यह देखना होगा कि डील की शर्तें वास्तव में क्या हैं।
यह निर्णय अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार संतुलन पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
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