ताज को यूं बदनाम ना करो…. ताजमहल का नाम बदलने की कोशिश फिर खारिज

taj mahal

भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर ने सदन में पढ़ा प्रस्ताव, विपक्ष के पार्षदों ने किया विरोध, सदन में व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए सर्वसम्मति से पार्षदों ने प्रस्ताव को खारिज किया
आगरा। नगर निगम सदन के 29 अधिवेशन में ताजमहल का नाम बदलकर तेजो-महालय रखने के प्रस्ताव पर बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। ताजमहल का प्रस्ताव सदन की कार्यवाही के क्रम संख्या 4(7) पर था। जैसे मेयर ने पार्षद ने प्रस्तावक पार्षद शोभाराम राठौर का नाम पुकारा विपक्ष के पार्षदों ने इस प्रस्ताव का विरोध शुरू कर दिया। विपक्षी पार्षदों का कहना था कि यह प्रस्ताव पढ़ा ही नहीं जाना चाहिए।
पार्षदों के हंगामे के चलते कार्यवाही में व्यवधान आया लेकिन मेयर ने पार्षद को प्रस्ताव को पढ़ने की अनुमति दे दी। इस पर हंगामे के बीच ही पार्षद शोभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम बदलकर तेजो-महालय रखने का प्रस्ताव पढ़ना शुरू कर दिया। एक तरफ प्रस्ताव का वाचन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ विपक्ष के पार्षद विरोध में हंगामा कर रहे थे।
प्रस्ताव का वाचन पूर्ण होने के बाद भाजपा के पार्षद राकेश जैन ने प्रस्ताव पर व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि ताजमहल या अन्य किसी संरक्षित स्मारक के संबंध में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार नगर निगम का नहीं है लिहाजा इस प्रस्ताव को निरस्त किया जाए। इस पर भाजपा के अन्य पार्षदों ने भी राकेश जैन का समर्थन किया। इस पर मेयर नवीन जैन ने ताजमहल के नाम बदलने के प्रस्ताव को निरस्त करने का एलान कर दिया।

भाजपा और बसपा पार्षदों में आ गई मारपीट की नौबत

प्रस्ताव निरस्त होने से गुस्साए भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर ने बसपा पार्षदों पर टिप्पणी कर दी। इससे उनमें कहासुनी शुरू हो गई। बसपा के पार्षद महेश कुमार संवेदी ने आरोप लगाया कि भाजपा के पार्षद शोभाराम राठौर ने उन्हें भद्दी गालियां दी हैं। जिससे बसपा और सपा के पार्षद भाजपा पार्षदों खिलाफ एकजुट हो गए। दोनों गुटों के बीज विवाद शुरू हो गया और वहां मारपीट की नौबत आ गई। सदन की कार्यवाही काफी देर तक थम रही। बाद में वरिष्ठ पार्षदों ने बीच बचाव कर मामला शांत किया।

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