
चीन-जापान में ओमिक्रॉन के BF.7 वैरिएंट के कारण बिगड़े हालात के बीच अमेरिका में ओमिक्रॉन के एक नए सब-वैरिएंट का कहर देखा जा रहा है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में ओमिक्रॉन के XBB.1.5 वैरिएंट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अमेरिका में इस समय के 40 फीसदी से अधिक कोरोना के मामलों के लिए इसी सब-वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। पिछले हफ्ते की तुलना में इस वैरिएंट के कारण संक्रमण की मामले दो दुना तक बढ़े हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ओमिक्रॉन के अब तक के सभी सब-वैरिएंट्स की तुलना में अधिक समस्याकारक हो सकता है।
अमेरिका का कई हिस्सों, विशेषकर न्यूयॉर्क में XBB.1.5 वैरिएंट से संक्रमण के कारण स्थिति बिगड़ने की खबरें हैं। वैज्ञानिकों ने शुरुआती अध्ययनों में पाया है कि यह XBB सब-वैरिएंट में हुए नए म्यूटेशन से उत्पन्न हुआ है जिसकी प्रकृति कई मामलों में चिंता बढ़ाने वाली है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज बताते हैं XBB.1.5 अपने फैमिली के अन्य के सदस्यों से अलग है क्योंकि इसमें एक अतिरिक्त म्यूटेशन देखा जा रहा है जो इसे कोशिकाओं से बेहतर ढंग से बाइंड करने में मददगार हो सकता है। ऐसे में यह अधिक संक्रामक होने के साथ शरीर में तेजी से बढ़कर गंभीर रोग विकसित कर सकता है।
पेकिंग विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक यूनलॉन्ग रिचर्ड काओ यह वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने में सफल हो सकता है, ऐसे में नए वैरिएंट को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोगों का भी खतरा
कोविड रिपोर्टस के मुताबिक गुजरात में एक मामले के अलावा देश के अन्य किसी भी हिस्से से फिलहाल इस नए सब-वैरिएंट की पुष्टि नहीं है। महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों पर नजर रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि यहां XBB सब-वैरिएंट के 275 से अधिक मामले रहे हैं, हालांकि अब तक इस नए सबवैरिएंट की पुष्टि नहीं है। जिस तरह से अमेरिका में इससे संक्रमण के कारण हालात बिगड़े हैं इस खतरे को लेकर भारत को भी सावधान रहने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भारत में इसका असर ज्यादा नहीं होना चाहिए क्योंकि इसी परिवार के XBB वैरिएंट से यहां लोग पहले भी संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, साथ ही यहां ज्यादातर लोग प्राथमिक और बूस्टर डोज भी ले चुके हैं। हालांकि इसकी प्रकृति को देखते हुए कोविड से बचाव को लेकर सख्ती बरतना बहुत जरूरी है।
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