पूरे देश में दशहरे की धूम, दिल्ली में लगा सबसे ऊंचा रावण पुतला

नवरात्रि खत्म होने के साथ ही पूरे देश में दशहरे का त्योहार मनाया जा रहा है। हर शहर के मैदान में रावण के पुतले खड़े किए जा रहे हैं। शाम के समय रावण दहन होगा। दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 में रावण का सबसे बड़ा पुतला लगाया गया है। पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने लिखा “देशवासियों को विजयादशमी की असीम शुभकामनाएं। मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आप सभी को जीवन के हर क्षेत्र में विजय हासिल हो, यही कामना है।”

देश का सबसे बड़ा पुतला लगाने वाली द्वारका श्री राम लीला सोसाइटी के आयोजक राजेश गहलोत का कहना है “इस रावण के पुतले को बनाने में करीब 4 महीने लगे। खर्च करीब 30 लाख रुपये आया। आपको द्वारका में सबसे ऊंचा और खूबसूरत रावण का पुतला देखने को मिलेगा।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को विजयादशमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह त्योहार उच्च मानवीय आदर्शों में अपनी आस्था को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है। दशहरा के त्योहार को विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है और यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘विजयादशमी के पावन अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। विजयादशमी का त्योहार अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह त्योहार हमें उच्च मानवीय आदर्शों में अपनी आस्था को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘इस त्योहार के साथ गरिमा, कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी, आचरण में शुचिता, विनम्रता और न्याय के लिए साहसपूर्ण संघर्ष की कई प्रेरक कहानियां जुड़ी हुई हैं। ये कहानियां हमारी प्रेरणा का स्रोत होनी चाहिए।’’ उन्होंने कामना की कि आस्था और उत्साह का यह त्योहार सभी के लिए सफलता, समृद्धि और खुशी लाए।

दिल्ली के बाजार में काफी हलचल है। कहीं राक्षसों के सिर तो कहीं धड़ व अन्य अंग कतारों में लगे हुए दिख रहे हैं। लोग पुतले खरीदने में जुटे हैं। टैगोर गार्डन और सुभाष नगर के बीच का प्रसिद्ध इलाका 10 सिर वाले रावण और उसके भाइयों के पुतलों का एशिया का सबसे बड़ा बाजार है। ये पुतले एक फुट से लेकर 50 फुट तक के आकार में उपलब्ध हैं और इनकी कीमत लगभग 400 से 700 रुपये प्रति फुट है। पहली बार पुतले बनाने का काम कर रहे रमेश राठौड़ के अनुसार पैसा बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन काफी है। उन्होंने यूट्यूब से पुतले बनाने सीखे हैं और वह बेंगलुरु से यहां आए हैं।

मैसुरु में भव्य जुलूस की तैयारी की गई है। इस जुलूस के साथ चामुंडी पहाड़ियों पर 10 दिवसीय प्रतिष्ठित ‘मैसूर दशहरा’ समारोह का भव्य समापन होगा। ‘नाडा हब्बा’ (राज्य उत्सव) के रूप में मनाया जाने वाला दशहरा या ‘शरण नवरात्रि’उत्सव इस वर्ष भव्य रहा। हजारों लोगों के ‘जम्बू सवारी’ के गवाह बनने की उम्मीद है। इसके तहत ‘अभिमन्यु’ नाम के हाथी के नेतृत्व में एक दर्जन सजे-धजे हाथियों का जुलूस निकलेगा। इस दौरान मैसुरु शहर और यहां के राजघराने की कुलदेवी चामुंडेश्वरी का विग्रह 750 किलोग्राम के हौदे या ‘अम्बरी’ पर रखकर जुलूस आगे बढ़ता है। भव्य शोभायात्रा की शुरुआत मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा भव्य अंबा विलास पैलेस परिसर से अपराह्न 1.41 बजे से 2.10 बजे के बीच शुभ मुहूर्त में महल के बलराम द्वार पर ‘नंदी ध्वज’ (नंदी ध्वज) की पूजा के साथ होगी।

 

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