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नई दिल्ली। चुनावी आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवती को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग ने दोनों नेताओं को जवाब दाखिल करने के लिए आज शाम तक का वक्त दिया है।
आयोग का प्रथम दृष्टया मानना है कि योगी और मायावती ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
योगी ने लोकसभा चुनावों की तुलना इस्लाम में अहम शख्सियत ‘अली और हिंदू देवता ‘बजरंगबली’ के बीच मुकाबले से की थी। भाजपा नेता ने कहा था, ”अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है।” योगी ने देवबंद में बसपा प्रमुख मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी जिसमें मायावती ने मुस्लिमों से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थी।
योगी ने मेरठ में बीते 9 अप्रैल को सहारनपुर की रैली का जिक्र करते हुए कहा था कि जब गठबंधन के नेताओं को अली पर विश्वास है और वह अली-अली कर रहे हैं, तो हम भी बजरंगबली के अनुयायी हैं और हमें बजरंगबली पर विश्वास है। मेरठ स्थित सिसौली गांव में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘आज पश्चिम में कोई दंगा नहीं कर सकता, कोई गुंडागर्दी नहीं कर सकता। हमने सरकार बनने के बाद एक ही संकल्प लिया था कि अपराधियों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करना है और हमने किया। आज अपराधी जेल में हैं या फिर राम नाम सत्य है कि यात्रा पर निकल चुके हैं। लेकिन यह काम सपा और बसपा ने नहीं किया, उन्होंने अपराधियों को संरक्षण दिया।’
वहीं सहारनपुर के देवबंद में जनसभा के दौरान मुसलमानों से सिर्फ गठबंधन को वोट देने की अपील की थी। गौरतलब है कि मायावती ने अपने भाषण के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को संदेश देते हुए कहा कि कांग्रेस कहीं लड़ाई में नहीं है। मायावती ने कहा था कि सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल में मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है, सभी जगहों पर गठबंधन और बीजेपी के बीच ही लड़ाई है. बीजेपी और कांग्रेस चाहती हैं कि मुस्लिम मतों में बंटवारा हो जाए। इसलिए मुस्लिमों को केवल गठबंधन को वोट देना चाहिए।
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