नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ और ऐसे ही एक अलग मामले में दिल्ली सरकार के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बीच एक और बड़ा मामला सामने आया है। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी ने डमी या शेल कंपनियों का इस्तेमाल करके यूएई और हांगकांग को कथित रूप से 425 करोड़ रुपये भेजने से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में इन्हें पकड़ा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि विकास कालरा और सिद्धांत गुप्ता को 13 जून को गिरफ्तार किया गया था। बाद में PMLA कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसने कहा कि यह मामला 19 डमी इंडियन भारतीय संस्थाओं(entities) का उपयोग करके भारत के बाहर 425 करोड़ रुपए भेजे गए।
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा 19 संस्थाओं के खिलाफ FIR दर्ज कराने के बाद ED ने अपनी जांच में लिया था। इन्होंने अपनी मिंट स्ट्रीट, चेन्नई ब्रांच के साथ खाते खोले और 6 महीने की अवधि में हांगकांग में विभिन्न संस्थाओं को 425 करोड़ रुपये भेजे। जांच के दौरान इन कंपनियों का कोई वजूद नहीं मिला। दरअसल, इस पैसे को भारत से बाहर की संस्थाओं के प्रमोटर निदेशकों के लिए बुक किया जा रहा था। ईडी ने आरोप लगाया, “इस संबंध में एक विकास कालरा ने हांगकांग में तीन संस्थाओं को शामिल किया था, जिनमें से वह एकमात्र निदेशक थे। इसका इस्तेमाल 18.95 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया। इसी तरह सिद्धांत गुप्ता ने हांगकांग में एक यूनिट को शामिल किया, जिसके माध्यम से 2.5 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग हुई।
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