
यूनिक समय, नई दिल्ली। हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को 14 साल पुराने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के 27.5 करोड़ रुपये के शेयर और संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है। इसके साथ ही डालमिया सीमेंट्स भारत लिमिटेड (डीसीबीएल) की 377.2 करोड़ रुपये की जमीन भी जब्त की गई है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है। यह मामला ‘क्विड प्रो क्वो’ निवेश से जुड़ा है, जिसमें सीबीआई ने 2011 में एफआईआर दर्ज की थी। डीसीबीएल का कहना है कि जब्त की गई संपत्ति की कीमत 793.3 करोड़ रुपये है।
ईडी ने यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2011 में दर्ज एक पुराने मामले के आधार पर की है। उस 14 साल पुराने मामले में डीसीबीएल ने भारती सीमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया था डीसीबीएल को यह जब्ती आदेश 15 अप्रैल 2025 को मिला, जबकि यह आदेश 31 मार्च को ही जारी हो गया था। जमीन की शुरुआती खरीद कीमत 377 करोड़ रुपये थी।
सीबीआई और ईडी की जांच में पता चला है कि डीसीबीएल ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी की कंपनी रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड में 95 करोड़ रुपये का निवेश किया था। आरोप है कि जगन ने अपने पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी को प्रभावित करके डीसीबीएल को कडप्पा जिले में 407 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन पट्टा दिलाने में मदद की थी। यह सब ‘क्विड प्रो क्वो’ डील के तहत किया गया था।
ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया कि डीसीबीएल और जगन के बीच हुए समझौते के तहत रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड के शेयर फ्रांसीसी कंपनी PARFICIM को 135 करोड़ रुपये में बेचे गए। जिसमें से 55 करोड़ रुपये हवाला के जरिए जगन को नकद दिए गए। आयकर विभाग, नई दिल्ली द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों में इन भुगतानों की जानकारी मिली है।
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