यूपी से एटीएस ने दबोचे आठ आतंकी, गिरफ्तार आतंकियों में एक बांग्लादेश का नागरिक

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तीन दिनों के अभियान में एटीएस ने यूपी व उत्तराखंड से दबोचा, गिरफ्तार आतंकियों में एक बांग्लादेश का नागरिक
यूपी एटीएस ने कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा और उसके सहयोगी बांग्लादेशी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी आतंकियों को पिछले तीन दिनों तक चलाए गए अभियान के दौरान सहारनपुर, शामली और हरिद्वार से दबोचा गया। ये दोनों संगठन गजवा-ए-हिन्द के उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपने नेटवर्क का विस्तार करने में जुटे थे।
अपनी सहयोगी एजेंसियों एवं स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर एटीएस ने यह अभियान चलाया। अभियान में सहारनपुर के गागलखेड़ी थाना क्षेत्र सैय्यद मजरा गांव निवासी लुकमान, मनोहरपुर निवासी कारी मुख्तार, देवबंद थाना क्षेत्र स्थित जाहीरपुर गांव निवासी कामिल व गागलखेड़ी थाना क्षेत्र स्थित कैलाशपुर निवासी मोहम्मद अलीम, शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र स्थित नंगला नाई निवासी शहजाद, गिरिडीह झारखंड निवासी नवाजिश अंसारी, उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के नगल इमरती निवासी मुदस्सिर और बांग्लादेशी नागरिक अलीनूर को अलग-अगल स्थानों से गिरफ्तार किया गया। अलीनूर, मुदस्सिर व कामिल को रुपैडीहा (नेपाल) से सटी भारतीय सीमा में पकड़ा गया, जबकि नवाजिश अंसारी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। बांग्लादेशी अलीनूर असोम के ग्वालपाड़ा के मदरसे में शिक्षक रहा है। बाद में वह सलेमपुर (हरिद्वार) में छिपकर रह रहा था। इन आतंकियों के कब्जे से मोबाइल फोन, जिहादी किताबें, आतंकी कंटेंट से भरी पेन ड्राइव व मेमोरी कार्ड बरामद हुए हैं।

बुन रहे थे गजवा-ए-हिन्द का सपना

एटीएस को ऐसी सूचना मिली थी कि अलकायदा के इंडियन सब कांटिनेंट या अलकायदा बर्र-ए-सगीर तथा सहयोगी आंतकी संगठन जेएमबी मिलकर पिछले कुछ वर्षों से भारतीय उपमहाद्वीप (विशेष रूप से भारत एवं बांग्लादेश) में गजवा-ए-हिन्द का सपना बुन रहे हैं। इसके लिए वे भारत में अवैध घुसपैठ कर सबसे पहले सीमावर्ती राज्यों पश्चिम बंगाल व असोम में कट्टरपंथी विचारधारा वाले व्यक्तियों को जोड़कर वहां के मदरसों में अपनी जड़ें मजूबत कर रहे हैं। साथ ही वे यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश व उत्तराखंड में कट्टरपंथी विचारधारा वालों के सहयोग से जकात के नाम पर टेरर फंड जुटाने में लगे हैं। इन संगठनों के आतंकी पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए कुछ खास मोबाइल एप इस्तेमाल करते हैं और नए लोगों को इस एप और बातचीत करने के कोड का प्रशिक्षण देते हैं। पूर्व में इस माड्यूल से जुड़े शीर्ष के चार बांग्लादेशी आतंकियों और उनके भारतीय साथियों अब्दुल्ला तलहा, अहसान, मुफक्किर व अकील अहमद शेख से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर एटीएस को इनपुट मिला था।

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