
यूनिक समय ,नई दिल्ली। महाराष्ट्र के जलगांव में हुए रेल हादसे का खुलासा करते हुए डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि आग लगने की अफवाह दो लोगों उधल कुमार और विजय कुमार ने फैलाई थी। दोनों लोग चायवाले की बातचीत से आश्वस्त हो गए। सबसे पहले चाय वाले ने अफवाह फैला दी कि ट्रेन में आग लग गई है। इसके बाद ट्रेन के अंदर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। उस चायवाले ने खुद ही चेन खींची। जैसे ही ट्रेन की गति धीमी हुई, यात्री अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन से कूदने लगे।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘रेल दुर्घटना के बाद प्रशासन और अन्य बलों को तैनात किया गया और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। श्रावस्ती के उदल कुमार और विजय कुमार ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। वे रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे। हमें जनरल बोगी और ऊपरी बंक में बैठाया गया। पेंट्री से एक चाय विक्रेता ने गाड़ी में आग लगने की बात कही, दोनों ने यह सुना और घबरा गए।
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा, “कुछ यात्री आग से बचने के लिए चलती ट्रेन से कूद गए, लेकिन ट्रेन अच्छी गति से जा रही थी, इसलिए एक व्यक्ति ने चेन खींच दी और ट्रेन रुक गई। कई यात्री ट्रेन से उतर गए और पैदल चलने लगे जब वे रेल की पटरियाँ पार कर रहे थे। कर्नाटक एक्सप्रेस विपरीत दिशा से तेज गति से आ रही थी और रेलवे ट्रैक पार कर रहे यात्रियों को कुचल दिया।” 13 मृतकों में से 10 की पहचान हो गई है, जबकि तीन की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। घायलों की कुल संख्या 10 है, जिनमें से आठ पुरुष और दो महिलाएं हैं, जिनका जलगांव सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
रेल मंत्रालय ने जलगांव रेल दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 1.5-1.5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। रेल मंत्री कार्यालय ने कहा, “जलगांव रेल दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये और मामूली रूप से घायलों को 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है।”
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