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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-गठबंधन की हार और फिर अलग होने के बाद समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव परिवार को एकजुट करने की कवायद में जुट गए हैं. इसी क्रम में सैफई में मुलायम सिंह यादव ने परिवार और पार्टी नेताओं की एक गोपनीय बैठक बुलाई है, जिसमे शिवपाल भी शामिल हो सकते हैं.
हालांकि इटावा में जब शिवपाल यादव से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे कोई भी बयान मीटिंग के बाद देंगे. मायावती के आरोपों और परिवार के दोबारा एक होने के सवालों से भी उन्होंने किनारा किया और कुछ भी स्पष्ट नहीं बोला. उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी की मीटिंग कर लेंगे उसके बाद कुछ बयान देंगे. इस बीच गुरुवार को शिवपाल ने अपने आवास पर कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और अपने खास सलाहकारों के साथ गोपनीय बैठक भी की.
शिवपाल ने साधी चुप्पी
सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश और शिवपाल के बीच गोपनीय बैठक के बाद ही कोई भी बयान जारी होगा. दरअसल, शिवपाल अपनी पार्टी और भविष्य की रणनीतियों को लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं. मायावती के नए राजनीतिक दांव के बाद सपा के वरिष्ठ नेताओं ने शिवपाल को फिर से सपा में जोड़ने की वकालत की है.
अलग-अलग उपचुनाव लड़ेगी सपा-बसपा
लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन टूट चुका है. मायावती और अखिलेश के रास्ते अलग-अलग हो चुके हैं. मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन छोड़ने का एलान किया वहीं इस पर अखिलेश ने कहा कि कई बार प्रयोग असफल भी हो जाते हैं. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी विधानसभा की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरेंगे.
मायावती ने गठबंधन तोड़ने का औपचारिक ऐलान करते हुए अखिलेश यादव पर यादवों का वोट ट्रांसफर न करवा पाने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि कन्नौज में डिम्पल की हार की वजह यादव वोट का ट्रांसफर न होना है. जिसकी वजह शिवपाल यादव भी रहे. अगर सपा भविष्य में अपने मुद्दे सुलझा लेती है तो गठबंधन के द्वार खुले हैं.
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