बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के आतिशबाजी स्थल चित्रकूट इंटर कॉलेज में पटाखों में अचानक हुए विस्फोट ने चार बच्चों की जान ले ली। विस्फोट इतना भयंकर था एक शव लगभग 40 फीट ऊपर कॉलेज की छत पर जा गिरा। जमीन में लगभग पांच फीट गड्ढा हो गया। तीन साइकिलें क्षतिग्रस्त हो गईं। बताया जा रहा है कि चारों बच्चे आतिशबाजी देखने की उत्सुकता में पीछे वाले गेट से बारूद के ढेर पर पहुंच गए थे।
दो दिवसीय बुंदेलखंड गौरव महोत्सव का बुधवार को समापन था। फिल्मी कलाकारों के मंच और आतिशबाजी कार्यक्रम की तैयारियां चल रही थी। कार्यक्रम स्थल के पीछे लगभग 60 मीटर दायरे में आधुनिक आतिशबाजी के लिए बिजली के तार बिछाए गए थे। इमर्जेंसी के लिए बैटरी भी लगाई गई थीं। इन्हीं तारों से 22 स्टैंड पर पटाखे लगाए गए थे। बताया जाता है कि बछरन निवासी हाल मुकाम कर्वी माफी के निवासी प्रभात 12, यश 11, पारस 10 व मोहित 14 वर्ष के छात्र थे। चारों दोस्त थे।
आशंका जताई जा रही है कि इनमें से किसी ने तार छू लिया, जिससे शार्ट सर्किट हुआ और पटाखे में आग लग गई। अचानक जोरदार धमाके हुए। जिससे चारों इसकी चपेट में आ गए। एक बच्चे का शव लगभग 40 फीट ऊंची कॉलेज की छत पर जा गिरा। दूसरे की भी मौके पर मौत हो गई। दो के चेहरे और हाथ-पैर झुलस गए।
सूचना मिलते ही चार एंबुलेंस पहुंचीं और सभी को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। गंभीर रूप से झुलसे दोनों बच्चों को प्रयागराज रेफर कर दिया गया। जहां ले जाते समय रास्ते में उनकी भी मौत हो गई। रात को इनकी शिनाख्त परिजनों ने अस्पताल में आकर की।
घटना की जानकारी होते ही डीआईजी अजय कुमार सिंह, डीएम अभिषेक आनंद, एसपी अरुण कुमार सिंह छह थाने की फोर्स, डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे। घटना के कारण और स्थिति की जानकारी ली। मृतकों और घायलों की पहचान न हो पाने पर कार्यक्रम व्यवस्थापकों को बुलाकर सभी कर्मचारियों को एक स्थान पर बैठाकर हाजिरी ली। डीआईजी ने कहा कि गंभीरता से जांच कराई जा रही है। आतिशबाजी कार्यक्रम के कुछ व्यवस्थापकों को पुलिस पूछताछ के लिए साथ ले गई है।
कार्यक्रम स्थल पर आतिशबाजी के लिए लगाये गए 22 स्टैंडों में लगभग दो किलो बारूद होने की संभावना जताई गई है। आयोजक इसे लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं लेकिन स्थानीय पटाखा बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि एक साथ अगर इन पटाखों का विस्फोट होता तो लगभग 30 मीटर के दायरे के लोग प्रभावित होते।
आतिशबाजी के लिए कार्यक्रम स्थल के आसपास सुरक्षा के इंतजाम के नाम पर फायर बिग्रेड का वाहन तो खड़ा था लेकिन पटाखों के स्टैंड के पास किसी को पहुंचने से रोकने के लिए कोई सुरक्षाकर्मी या आयोजक टीम का सदस्य नहीं था। आतिशबाजी की डोंप कंपनी के व्यवस्थापक पंकज जाट ने बताया कि चारों ओर से बैरीकेटिंग लगाई गई थी।
विस्फोट का सही कारण तो नहीं पता लेकिन वहां तक पहुंचे बच्चों ने जरूर तार व पटाखा के साथ छेडख़ानी की जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ। सुरक्षा के लिए ही मैदान में यह स्टैंड लगाए गए थे। स्थानीय स्तर पर पटाखा का काम करने वाले मो. इदरीश का कहना है कि सभी स्टैंडों पर एक साथ विस्फोट होना मुश्किल होता है। यह सब पटाखे रेडीमेड ही खरीदे जाते हैं। ज्यादातर यह पटाखे रिमोट व बिजली के बोर्ड के स्विच से संचालित होते हैं
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