फेक ID बनाकर या गलत पहचान के साथ वॉट्सऐप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे ऐप्स यूज करना और फर्जी डॉक्यूमेंट्स देकर सिम लेना आपको अब बड़ी मुसीबत में डाल सकता है। अगर कोई भी यूजर ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक साल की जेल हो सकती है। इतना ही नहीं उसे 50 हजार रुपए तक का जुर्माना भी देना होगा। इस बात की जानकारी इंडियन टेलिकम्युनिकेशन बिल 2022 के ड्राफ्ट में दी गई है।
सरकार इस बिल के साथ ऑनलाइन आइडेंडिटी फ्रॉड के मामलों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार इस बिल के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिकेशन ने कहा, ‘इस बिल से टेलिकॉम सर्विस का इस्तेमाल करके किए जाने वाले फ्रॉड्स पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इसलिए बिल में जहां जरूरत है, वहां पहचान से जुड़े प्रावधानों को शामिल किया गया है।’
बिल में इस अपराध को ‘कॉग्निजेबल ऑफेंस’ (संज्ञेय अपराध) बताया गया है। इसका मतलब हुआ कि आइडेंटिटी फ्रॉड करने वाले को पुलिस बिना किसी वारंट के अरेस्ट कर सकती है। इस मामले पर यूनियन टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव का कहना है कि नया बिल कई तरह के साइबर क्राइम पर रोक लगाने में मदद करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि OTT सर्विसेज के लिए पहले से कडे़ KYC नियम भी फ्रॉड्स की घटनाओं को कम करने में मदद करेंगे।
अश्विनी वैष्णव ने आगे यह भी कहा कि यह जरूरी है कि कॉल रिसीव करने वाले यूजर को पता रहे कि अलग-अलग प्लेटफॉर्म से उसे कौन कौन कॉल कर रहा है। अभी डेटा और वॉइस कॉल के बीच का फर्क खत्म हो गया है। इसलिए OTT समेत सभी प्लेटफॉर्म को एक कानून के अंदर लाया जा रहा है।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन (DoT) ने टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से एक ऐसा सिस्टम तैयार करने के लिए कहा है, जिससे कॉल रिसीव करने वाले यूजर की स्क्रीन पर कॉलर का वो नाम डिस्प्ले पर नजर आए, जो उसके KYC डॉक्यूमेंट्स में मौजूद है।
Leave a Reply