शंभू बॉर्डर पर सोमवार को भी किसान नेता दिनभर बैठक कर रणनीति बनाने में जुटे रहे। नेताओं ने मंच से सरकार की किसानों के प्रति कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि छह मार्च को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर तो पक्का मोर्चा लगा रहेगा, मगर अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के लिए कूच करेंगे।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा से सहमति बनी है, जिसे जल्द ही मोर्चा पदाधिकारियों संग बैठक कर अंतिम रूप दिया जाएगा। दूसरी ओर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने चुनाव न लड़ने की शर्त मानने से इंकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा से सहमति बनी है, जिसे जल्द ही मोर्चा पदाधिकारियों संग बैठक कर अंतिम रूप दिया जाएगा। दूसरी ओर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने चुनाव न लड़ने की शर्त मानने से इंकार कर दिया है।
वहीं, बुधवार को दिल्ली कूच प्रोग्राम में पंजाब के किसान शामिल नहीं होंगे। लेकिन शंभू व खन्नौरी बॉर्डरों पर चल रहे किसानी आंदोलन को और मजबूत करके यहीं से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी की जा रही है।
इसके तहत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और भारतीय किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से इस आंदोलन में समर्थन दे रही सभी जत्थेबंदियों से अपील की गई है कि बॉर्डरों पर किसानों की गिनती को बढ़ाया जाए।
इसके लिए जत्थेबंदियों के नुमाइंदे अपने स्तर पर गांव-गांव जाकर किसानों को बड़ी गिनती में ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ बॉर्डरों पर पहुंचने को प्रेरित करें।किसान भाइयो से बात करते भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि इस आह्वान के तहत मंगलवार को जत्थेबंदी काफी गिनती में किसानों के साथ 10-12 ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर शंभू बार्डर पर जा रही है।
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