हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम से विपक्ष उत्साहित होने लगा है। दोनों राज्यों में राजनीति व भौगोलिक समानता के आधार पर परिणाम का आकलन करने लग गए हैं। हरियाणा में विधानसभा क्षेत्र की 90 सीटें हैं। झारखंड में 81 सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वहां भाजपा को 47 सीटें मिली थी। इस बार 40 सीटें मिली है। वहां 75 प्लस का नारा भाजपा ने दिया था। झारखंड में 65 प्लस सीटें जीतने का भाजपा ने नारा दिया है।
पिछले लोकसभा चुनाव में झारखंड में भाजपा को 14 में से 12 सीटें मिली थीं। 67 विधानसभा सीट पर भाजपा आगे थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में इस बार बहुमत नहीं मिलेगा। हेमंत सोरेन ने कहा है कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों से यह साफ हो गया है कि प्रचंड प्रचार तंत्र, बेहद मजबूत धन तंत्र से जनता को बहुत दिनों तक गुमराह नहीं किया जा सकता। लोगों ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है। झारखंड में भी लोग परिवर्तन का मन बना चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र का चुनाव के नतीजों ने भाजपा के खोखले विकास के दावों की हवा निकाल दी है। दोनों प्रदेशों के चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहे हैं। जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बीजेपी का डाउनफॉल शुरू हो गया है। दोनों राज्यों के नतीजे यह बताते हैं कि अब जनता परिवर्तन के मूड में है। इसका असर झारखंड विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा।
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