टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की एक कार एक्सीडेंट में मौत ने सीट बेल्ट को लेकर फिर से अलर्ट कर दिया है। अगर वे सीट बेल्ट पहने होते, तो जान बच सकती है। इस हादसे के बाद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने एक सौगंध खाई है।
I resolve to always wear my seat belt even when in the rear seat of the car. And I urge all of you to take that pledge too. We all owe it to our families. https://t.co/4jpeZtlsw0
— anand mahindra (@anandmahindra) September 5, 2022
बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में सूर्या नदी पर बने पुल पर 4 सितंबर को दोपहर 3.15 बजे टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन 54 वर्षीय साइरस मिस्त्री की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। आनंद महिंद्रा को उनकी मौत से गहरा सदमा लगा है। उन्होंने मिस्त्री के प्रति अपनी शोक संवेदना जाहिर करते हुए एक जूममज करके सौगंध खाई कि वे कार की पिछली सीट पर भी हमेशा अपनी सीट बेल्ट पहनेंगे। महिंद्रा ने अन्य लोगों से भी आग्रह किया कि वे भी सीट बेल्ट अवश्य लगाएं।
सीट बेल्ट एक सुरक्षा उपाय है। यह दुर्घटना के वक्त पैंसेंजर की जान बचा लेता है। जब गाड़ी अचानक किसी चीज से टकराती है, तो अंदर बैठे लोगों को आगे की ओर झटका लगता है। अगर वे सीट बेल्ट पहनें हों तो वे आगे पीछे की ओर खिंच जाते हैं। अगर कोई भी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होती है, तो यानी सीट बेल्ट लगाने से एयर बैग तुरंत खुल जाएगा। यानी पैसेंजर आगे टकराने से बच जाते हैं।
बता दें कि फरवरी, 2022 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा ऐलान किया था। इसके मुताबिक भारत सरकार ने सभी वाहन निर्माता कंपनियों के लिए अपने व्हीकल में थ्री प्वाइंट सीट बेल्ट उपलब्ध (ज्ीतमम चवपदज ेमंज इमसज) करवाना अनिवार्य किया है। यानी अब पीछे मिड सीट पर बैठने वालों को भी सीट बेल्ट की सुविधा मिलेगी। अभी तक मिड सीट के लिए सिर्फ टू पॉइंट सीट बेल्ट की ही सुविधा दी जाती रही है। नितिन गडकरी ने तब कहा था कि देश भर में हर साल करीब 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। पहले 8 पैसेंजर तक गाड़ियों में 2 सेफ्टी ऐयर बैग अनिवार्य थे, लेकिन अब 4 और एयर बैग बढ़ाए जा रहे हैं।
यूरोप में एस्टोनेशिया नाम के एक देश में एक विशेष सड़क पर गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट पहनने की मनाही है। इसके पीछे वजह यह है कि यहां अक्सर बर्फ गिरती रहती है। कई बार ऐसी हालत बनती है कि ड्राइवर को गाड़ी छोड़कर फौरन बाहर निकलना पड़ता है। बता दें बाल्टिक सागर के पार यह सड़क हिइमाआ द्वीप के करीब है।
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