खाड़ी इलाके की विवादित गाजा पट्टी में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है. इजराइली सेना की ओर से गाजा पट्टी पर छोड़े गए आंसू गैस, रबर बुलेट और लाइव फायर में 8 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, जबकि 1,100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं.
इजराइल की ओर से हुई उस समय यह बमबारी की गई जब सीमा रेखा के पास हजारों की संख्या में फिलिस्तीन नागरिक ‘मार्च ऑफ रिटर्न’ नाम से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इजराइल की ओर से 6 जगहों पर फायरिंग की गई. यह विरोध ऐसे समय हो रहा है जब कुछ दिनों के अंदर अमेरिका येरूशलम में अपना दूतावास खोलने जा रहा है.
दूसरी ओर, इजराइल का कहना है कि फिलिस्तीन की ओर से बड़ी संख्या में लोगों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश की, इस बीच यह प्रयास हिंसक हो गया. स्थानीय सूत्रों के अनुसार इस हिंसा में 10 से 12 लोगों की मौत हुई है.
इजराइली सुरक्षा बलों का आकलन है कि गाजा पट्टी पर ‘मार्च ऑफ रिटर्न’ नाम के विरोध-प्रदर्शन में 30 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारी सीमा के पास सुरक्षा घेरे को तोड़ने के इरादे से सैन्य बलों पर फायरबम और पत्थर फेंकने लगे. साथ ही टायर जलाने लगे. इसके बाद यह प्रदर्शन हिंसक हो गया.
दूसरी ओर, फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घटना पर जानकारी देते हुए कहा कि दिनभर चले इस हिंसा में 7 फिलिस्तीन नागरिक मारे गए हैं. रबर बुलेट और आंसू गैस छोड़े जाने से घायलों की संख्या ज्यादा बढ़ी.
फिलिस्तीनियों ने इजराइल सीमा पर विरोध के लिए 5 मुख्य शिविर क्षेत्रों का निर्माण किया है, जो कि उत्तर में बीट हुनुन से लेकर मिस्र की सीमा तक सटा हुआ है. मामला उस समय भड़का जब शुक्रवार को फिलिस्तीनियों ने अपने क्षेत्र में प्रदर्शन किया और सीमा पर लगे सुरक्षा को तोड़ने की कोशिश की.
फिलिस्तीन लोग वैश्विक स्तर पर 30 मार्च को भूमि दिवस मनाते हैं. 30 मार्च, 1976 को गैलिली में अरब कब्जे वाली जमीन को इजराइली सरकार द्वार हड़प लिए जाने के बाद विरोध-प्रदर्शन में हुई हिंसा मे 6 अरब-इजराइली लोगों के मारे जाने की याद में मनाया जाता है.
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