नई दिल्ली/गाजियाबाद। यूपी स्थित गाजियाबाद का एक वीडियो ट्वीट करने के मामले में अभिनेत्री स्वरा भास्कर पत्रकार आरफा खानम शेरवानी, आसिफ खान और ट्विटर इंडिया के मनीष माहेश्वरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है वकील अमित आचार्य ने दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी हालांकि, इस शिकायत पर अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित करने के सिलसिले में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर, एक समाचार पोर्टल और छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस वीडियो में एक बुजुर्ग मुसलमान गाजियाबाद में कुछ लोगों के कथित हमले के बाद अपनी व्यथा सुनाता दिख रहा है। पुलिस का कहना है कि यह वीडियो सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए साझा किया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस थाने में एक स्थानीय पुलिसकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई और उसके आधार पर मंगलवार रात करीब 11.30 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो को साम्प्रदायिक अशांति भड़काने के इरादे से साझा किया गया था. पुलिस ने क्लिप साझा करने को लेकर ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशन्स इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकारों मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस के नेताओं सलमान निजामी, मशकूर उस्मानी, डॉ. शमा मोहम्मद और लेखिका सबा नकवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘इन लोगों ने मामले की सच्चाई की पुष्टि नहीं की और सार्वजनिक शांति को बाधित करने एवं धार्मिक समूहों के बीच विभाजन के इरादे से इसे साम्प्रदायिक पहलू देकर ऑनलाइन साझा किया.’ इसमें कहा गया है, ‘इसके अलावा, ट्विटर इंक और ट्विटर कम्युनिकेशन्स इंडिया ने भी इन ट्वीट को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
सोशल मीडिया पर 14 जून को सामने आए वीडियो क्लिप में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने आरोप लगाया कि कुछ युवकों ने उनकी पिटाई की और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहा, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने घटना के पीछे कोई साम्प्रदायिक कारण होने से इनकार किया और कहा कि आरोपी उस ताबीज से नाखुश थे जो सैफी ने उन्हें बेचा था. पुलिस ने सैफी पर हमला करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक इरास राजा ने बुधवार को बताया कि सैफी को पीटने के आरोप में कल्लू गुर्जर, प्रवेश गुर्जर और आदिल को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस चार अन्य लोगों पोली, हिमांशु, आरिफ और मुर्शिद को भी तलाश रही है।
ट्विटर और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी में कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस ने घटना के तथ्यों के साथ एक स्पष्टीकरण बयान जारी किया था, इसके बावजूद आरोपी ने अपने ट्विटर हैंडल से वीडियो नहीं हटाया। इसमें कहा गया है कि पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया था कि सैफी पर हमला करने वालों में हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम व्यक्ति भी शामिल थे और यह घटना साम्प्रदायिक नहीं थी, बल्कि उनके बीच निजी विवाद का परिणाम थी।
इस बीच प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने भी पुलिसिया कार्रवाई का संज्ञान लिया और मांग की कि पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द की जानी चाहिए क्योंकि यह गाजियाबाद पुलिस द्वारा ‘बदले की भावना’ से की गई कार्रवाई प्रतीत होती है ताकि मीडिया एवं समाज में ‘आतंक का माहौल बनाया जा सके।’ इसने बयान जारी कर कहा, ‘पीसीआई उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करता है कि मामले में हस्तक्षेप करे ताकि पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें आसान निशाना नहीं बनाया जा सके।
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