दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी अपनी हार को भुला कर आगे बढ़ चुकी है। गौरतलब है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने बंपर जीत दर्ज करते हुए 60 से भी ज्यादा सीटें हासिल की हैं। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी अब एक अन्य राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है।
जानकारी के लिए बता दें इस साल के मध्य तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी बिहार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है क्योंकि बिहार में वर्तमान समय में मौजूदा सरकार भी भारतीय जनता पार्टी की जेडीयू और एलजेपी के साथ गठबंधन की है। हालांकि कांग्रेस और आरजेडी, भाजपा गठबंधन वाली सरकार को हराकर हर हालत में वापसी करने की कोशिश में हैं।
फिलहाल भाजपा के सामने बिहार बचाने की बड़ी चुनौती है। इसी बीच बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन वाली एलजेपी ने चुनाव से पहले अपना अलग मेनिफेस्टो लाने की बात कही है। इस मेनिफेस्टो का नाम फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट 2020 रखा गया है। हालांकि बिहार में भाजपा के अलावा कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं क्योंकि कांग्रेस के हाथ दिल्ली में कुछ नहीं लगा।
हार की खबर के तुरंत बाद बीजेपी के लिए आई खुशखबरी, केजरीवाल को भी सुनकर नहीं हुआ यकीन
कल घोषित किए गए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार आम आदमी पार्टी को 62 और भारतीय जनता पार्टी को 8 सीटें प्राप्त हुई है। शीला दीक्षित के बाद अरविंद केजरीवाल ऐसे दूसरे नेता बनेंगे जो लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले हम आपको बता देना चाहते हैं अरविंद केजरीवाल साल 2013 में पहले सिर्फ 49 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे और उसके बाद साल 2015 में वह दूसरी बार मुख्यमंत्री चुने गए थे।
जिस प्रकार दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बिजली, पानी, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे लेकर सफल हुई थी ठीक उसी प्रकार केजरीवाल ने भी इसी तरीके को अपनाया। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली की सीट से चुनाव लड़ा और फिर से विजय प्राप्त की।
बीजेपी के लिए राहत
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी की नूपुर शर्मा को 32853 वोटों से हराया था, जबकि इस बार उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार सुनील कुमार यादव को 21697 वोट से हराया। लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि जहां 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 54.34 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे वहीं अब की बार 53.7 प्रतिशत मत प्राप्त हुए।. वहीं भारतीय जनता पार्टी को 2015 के चुनाव में 32.19 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे जबकि अब उन्हें 38.5 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव की अपेक्षा में अबकी बार 5 सीटें अधिक प्राप्त की है।
Leave a Reply