नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार बांस की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने भारत में बांस को लेकर अवसरों और चुनौतियों पर राष्ट्रीय परिचर्चा को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए गुरुवार को यह बात कही। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दो दिन के इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय बांस मिशन, नीति आयोग और इन्वेस्ट इंडिया ने किया है।
तोमर ने कहा कि सरकार बांस क्षेत्र के विकास के लिए जांच परख कर रही है। बांस की खेती किसानों की आय दोगुना करने के लिए एक महत्वपूर्ण फसल हो सकती है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा विशेषरूप से पूर्वोत्तर के लोगों की आजीविका में सुधार होगा।
मोदी सरकार चला रही ये योजना
देश के किसानों के विकास के लिए मोदी सरकार कई योजनाएं चला रही है। नेशनल बैंबू मिशन भी उन्हीं कुछ योजनाओं में से एक है। नेशनल बैंबू मिशन के तहत आप बांस की खेती कर लाखों कमा सकते हैं। नेशनल बैंबू मिशन के तहत आप अगर बांस की खेती करते हैं तो आपको प्रति पौधा 120 रुपये सरकार की ओर से दिए जाएंगे। आइए जानते हैं कैसे शुरू कर सकते हैं बांस की खेती…
बता दें कि मोदी सरकार ने बांस को पेड़ की कैटेगरी से साल 2018 में हटा दिया है। अब आप बिना किसी रुकावट के आसानी से बांस की खेती कर सकते हैं। हालांकि ऐसा सिर्फ निजी जमीन के लिए किया गया है। जो फॉरेस्ट जमीन पर बांस हैं उन पर यह छूट नहीं है। वहां पर वन कानून लागू होगा।
पहले तय करें कि किस काम के लिए लगा रहे हैं बांस
सरकारी नर्सरी से पौध फ्री मिलेगी। इसकी 136 प्रजातियां हैं। अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की किस्में। लेकिन उनमें से 10 का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है। यह देखकर प्रजाति का चयन करना होगा कि आप किस काम के लिए बांस लगा रहे हैं। अगर फर्नीचर के लिए लगा रहे हैं तो संबंधित प्रजाति का चयन करना होगा।
कितने साल में तैयार होती है खेती?
बांस की खेती आमतौर पर तीन से चार साल में तैयार होती है। चौथे साल में कटाई शुरू कर सकते हैं। चूंकि इसका पौधा तीन चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर आप कोई और खेती कर सकते हैं। इसकी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल हो सकती हैं। बांस लगाएंगे तो फर्नीचर के लिए पेड़ों की कटान कम होगी। इससे आप पर्यावरण रक्षा भी करेंगे। अभी हम काफी फर्नीचर चीन से मंगा रहे हैं, इसलिए आप इसकी खेती से इंपोर्ट कम कर सकते हैं।
किसान को कितनी सरकारी सहायता मिलेगी?
तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी। जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट सरकारी सहायता मिलेगी। नार्थ ईस्ट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा। 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी। जबकि नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान लगाएगा। 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा। जिले में इसका नोडल अधिकारी आपको पूरी जानकारी दे देगा।
कितनी होगी कमाई?
जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं। अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे। साथ में आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं। 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी। हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं। क्योंकि बांस की पौध करीब 40 साल तक चलती है।
दूसरी फसलों के साथ खेत की मेड़ पर 4 गुणा 4 मीटर पर यदि आप बांस लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में चौथे साल से करीब 30 हजार रुपये की कमाई होने लगेगी। इसकी खेती किसान का रिस्क फैक्टर कम करती है। क्योंकि किसान बांस के बीच दूसरी खेती भी कर सकता है।
बांस से क्या बना सकते हैं आप?
बांस कंस्ट्रक्शन के काम आ रहा है। आप इससे घर बना सकते हैं। फ्लोरिंग कर सकते हैं। फर्नीचर बना सकते हैं। हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी बनाकर कमाई कर सकते हैं। बैंबू से अब साइकिलें भी बनने लगी हैं। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई), रुड़की ने इसे कंस्ट्रक्शन के काम में लाने की मंजूरी दी है। अब शेड डालने के लिए सीमेंट की जगह बांस की शीट भी तैयार की जा रही है।
Leave a Reply